ग्वालियर। कमजोर याद्दाश्त की समस्या से जूझ रहे बुजुर्गों को नियमित तौर पर एरोबिक व्यायाम से फायदा होता है। एक नए शोध में यह बात सामने आई है।
एरॉबिक व्यायाम (कार्डियो) कम व अधिक तीव्रता का शारीरिक व्यायाम है, जो प्राथमिक तौर पर एरॉबिक ऊर्जा-उत्पादन प्रक्रिया पर निर्भर करता है।
कनाडा के वैंकुवर स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के शोधकर्ताओं ने दर्शाया है कि लगातार व्यायाम करने वाले लोगों की समग्र सोच कौशल में व्यायाम न करने वालों की तुलना में सुधार होता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इसके अलावा व्यायाम करने वालों के रक्तचाप के स्तर में भी सुधार देखा गया।
हाई ब्लड प्रेशर का स्तर संवहनी संज्ञानात्मक (कॉग्निटिव वेस्क्युलर) गड़बड़ी के जोखिम को बढ़ा सकता है। यह अलजाइमर की बीमारी के बाद डिमेंशिया का आम कारण है।
मस्तिष्क में छोटी व बड़ी रक्त नलिकाओं में क्षति के कारण संवहनी संज्ञानात्मक (कॉग्निटिव वेस्क्युलर) गड़बड़ी यानी स्मृति व सोचने की क्षमता में समस्या पैदा होती है।
ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी की टेरेसा लियू-एंब्रोस ने कहा कि अध्ययन में यह बात सामने आई है कि व्यायाम से कमजोर याद्दाश्त के खतरे को कम करने में मदद मिलती है, लेकिन इस बारे में बहुत कम अध्ययन हुआ है कि जिन्हें स्मृति दोष संबंधी समस्या है, उनकी हालत और अधिक बदतर होने से बचाने में व्यायाम मदद करता है या नहीं यह अध्ययन ऑनलाइन पत्रिका ‘न्यूरोलॉजी’ में प्रकाशित हुआ है।
Hindi News / Gwalior / ये व्यायाम करेगा बुजुर्गों की कमजोर याद्दाश्त बढ़ाने में मदद!