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ग्वालियर

इस खूंखार डकैत ने लगाई RTI, पूछा जेल में क्या मिलती हैं सुविधाएं

चंबल में आतंक का पर्याय रहा कुख्यात डकैत अरविंद गुर्जर शासन से जेल में बंद डकैतों को मिलने वाली सुविधाओं का हिसाब मांग रहा है।

ग्वालियरMar 30, 2016 / 12:55 pm

rishi jaiswal

dacoit

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पुनीत श्रीवास्तव@ग्वालियर। चंबल में आतंक का पर्याय रहा कुख्यात डकैत अरविंद गुर्जर शासन से जेल में बंद डकैतों को मिलने वाली सुविधाओं का हिसाब मांग रहा है। उसने वकील के मार्फत आरटीआई लगाकर जेल प्रशासन से 10 सवाल पूछे हैं, लेकिन इसमें कई का जवाब उसे नहीं मिला है। डकैत अरविंद गुर्जर, दस्यु सुंदरी पत्नी शीला कई बार आरोप लगा चुके हैं। शासन ने उन्हें सशर्त समर्पण का भरोसा दिलाया था। सरकार के वादे पर भरोसा कर गुर्जर गैंग ने हथियार डाले, लेकिन एक बार गैंग को जेल में बंद करने के बाद उनकी शर्तों को खूंटी पर टांग दिया।


इन सवालों के मांगे जवाब
– 15 फरवरी 2005 से 20 फरवरी 2015 तक केंद्रीय कारागार में कितने आत्म समर्पित दस्यु और महिला दस्यु आए। उनके नाम, पते मुहैया कराए जाएं।
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– बंदियों को सूखा राशन मुहैया कराया जाता है या अन्य की तरह भोजन दिया जाता है। सूखा राशन दिया जाता है तो एक सप्ताह के राशन की सूची उपलब्ध कराएं। 
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– इन बंदियों की जेल में कितनी बार मुलाकात कराई जाती है, उन्हें खुली मुलाकात का अधिकार है या आम बंदियों की तरह रहती है।
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– सरेंडर दस्युओं को जो सुविधाएं दी जाती हैं, वह शासन द्वारा या प्रशासन द्वारा किसके आदेश से सुविधा मुहैया कराई गई हैं। 
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– आत्मसमर्पित बंदियों को कब से यह सुविधा मिलना शुरू हुई, कब बंद की गई। यदि चालू है तो किसके शासन और प्रशासन अवधि जारी रखी गई। बंद की गई तो किसके शासन और प्रशासन में बंद हुई। 
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– दस्युओं को आमबंदियों के साथ रखने का प्रावधान हो तो उसकी जानकारी मुहैया कराई जाए।

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– सरेंडर बंदियों के लिए केंद्रीय जेल ग्वालियर में कोई विशेष जेल है। या उसे बंद कर दिया गया है।
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– आत्मसमर्पित बंदियों को जेल में खुला रखा जाता है या फिर अन्य बंदियों की तरह रात को लॉकअप में बंद किया जाता है।
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– आत्मसमर्पित बंदियों को न्यायालय से किसी विशेष प्रकरण में सजा होने पर सुविधा बंद की जाती हैं।
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– वर्तमान में केंद्रीय जेल में कितने डकैत बंद हैं, कितनों को छोड़ दिया गया। नाम पते सहित जानकारी दें।

सिर्फ 7 सवालों के मिले जवाब
  आरटीआई दाखिल करने वाले अभिभाषक जीएस धाकड़ कहते हैं, जेल प्रशासन ने सिर्फ ७ सवालों का जवाब दिया है। बाकी की जानकारी जेल मुख्यालय से मांगने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया, जबकि आरटीआई दाखिल किए ६ महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है।

गृहमंत्री से भी कर चुका है सवाल
अरविंद कुछ समय पहले जेल दौरे पर आए गृहमंत्री बाबूलाल गौर से भी दस्युओं को मिलने वाली सुविधाओं और खाने पीने के सामान को लेकर सवाल कर चुका है।


“प्रकरण मेरे समय का नहीं है, पुराना मामला है। इस बारे में जानकारी लेकर बताया जाएगा।”
– नरेन्द्र प्रताप सिंह, जेल अधीक्षक

“जेल में बंद दस्यु अरविंद गुर्जर ने जो जानकारियां आरटीआई के जरिए मांगी थी उसे मुहैया कराई गई हैं।”
– दिनेश नरगांवे, तत्कालीन जेल अधीक्षक 

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