ग्वालियर। माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड की दसवी और बारहवी कक्षा के मूल्यांकन कार्य कर रहे मूल्यांकनकर्ताओं को इस बार भी स्वपल्पाहार के लिए माशिमं से कोई अतिरिक्त बजट नहीं मिलेगा। माशिमं से मूल्यांकनकर्ताओं ने स्वल्पाहार देने की मांग की थी जिसे माशिमं ने अस्वीकार कर दिया है। एेसे में मूल्यांकनकर्ताओं को पानी पीकर ही कॉपियां जांचना होंगी।
एक दिन में अधिकतम 45 कॉपियां
मूल्यांकन के दौरान शिक्षक सही ढंग से कॉपियां जांचें इसलिए माशिमं ने नियम निर्धारित कर दिए हैं। इसके तहत एक मूल्यांकनकर्ता एक दिन में कम से कम 30 और अधिकतम 45 कॉपियां जांच सकता है। जिससे मूल्यांकनकर्ता कॉपियां जल्दी जांचने के चक्कर में गड़बड़ी न कर सकें। मूल्यांकन के दौरान गर्मी से बचने के लिए मूल्यांकनकर्ताओं को तीन वर्ष पहले मठा और लस्सी के लिए बजट दिया गया था। इस बार भी मूल्यांकनकर्ताओं ने माशिमं से स्वल्पाहार की मांग की थी लेकिन माशिमं ने इसे स्वीकार नहीं किया है। जिसके चलते इस बार भी मूल्यांकनकर्ताओं को गर्मी में पानी पीकर ही कॉपियां जांचना होंगी।
पानी और पंखा की व्यवस्था: समन्वयक संस्था पद्माराजे ने मूल्यांकनकर्ताओं के लिए पानी की व्यवस्था कर दी है। इसके लिए मटके और वाटरकूलर लगा दिया है। वहीं हवा के लिए पंखों की व्यवस्था भी कर दी है। इसके अलावा चाय भी अगर पीना है तो इसके लिए मूल्यांकनकर्ताओं को ही पैसे देना पड़ते हैं।
“मूल्यांकनकर्ताओं के लिए पानी और पंखों की व्यवस्था कर दी है। स्वल्पाहार के लिए कोई बजट इस बार भी नहीं आया है। माशिमं से जो निर्देश मिले हैं उसके अनुसार ही कार्य कराया जा रहा है।”
पुष्पा ढोड़ी, प्राचार्य पद्माराजे
कॉपी जांचने मिलेगी पुरानी दर
माशिमं ने कॉपियां जांचने की दर में भी कोई बदलाव नहीं किया है। इस बार भी दसवीं कक्षा की कॉपी जांचने के लिए 11 रुपए प्रति कॉपी और 12वीं के लिए 12 रुपए प्रति कॉपी के हिसाब से दर निर्धारित की है। इस हिसाब से देखें तो एक मूल्यांकनकर्ता को एक दिन में अधिकतम 540 रुपए कॉपियां जांचने के मिल सकते हैं।
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