ग्वालियर। गर्मियों की छुट्टियों और नए एडमिशन का सिलसिला लगभग खत्म हो चुका है। इसके साथ ही बदलते मौसम में शहर के कई स्कूलों में एक बार फिर से रौनक लौट आई है। छोटे-छोटे बच्चे कंधे पर बैग, हाथों में पानी का बोतल लिए हुए स्कूल जाते नजर आ ही जाएंगे। लेकिन इस सब के बीच बच्चों की सेहत का ध्यान रखना मम्मी के लिए एक टर्फ टास्क साबित होता है। बच्चों के सही परवरिश पर उसके खानपान का सही ध्यान रखना बहुत जरूरी है। बच्चे अकसर खाना खाने में आनाकानी करते है और आपकी बात सुनते नहीं है। ऐसे में जरूरी है खाने में उसकी पसंद और पौष्टिकता का तालमेंल बैठाया जाए। जिसे आपका बच्चा स्वस्थ्य और हेल्दी रहे।
हेल्दी और पौष्टिक हो डाइट
अकसर अभिभावक की शिकायत होती है कि बच्चा ठीक से खाता नहीं है।, रोटी, सब्जी, उपमा ,पराठा से दूर भागता है। स्कूल से लंच बॉक्स भरा हुआ वापस ले आता है। खाने पान को लेकर कोई विशेष रूचि नहीं दिखाता। एक्सपर्ट सीमा शर्मा कहती है कि अकसर पैरेट्स बच्चों का लंच बॉक्स तैयार करने को रूटीन वर्क समझ लेते है, और जैसे ही इसे रूटीन वर्क मान लिया जाता है उसमें से बच्चों की पसंद की चीजें लंच बॉक्स से गायब होने लगती है। बच्चों का लंच बॉक्स देना सिर्फ काम नहीं होना चाहिए। इसमें बच्चों की पसंद का शामिल करना बहुत जरूरी है।
सात दिन हो सात आहार
एक्सपर्ट कहते है कि बच्चों की खाने की आदत अलग होती है। हर रोज एक ही तरह के खाना खाने से बच्चे बोर हो जाते है। जिस कारण बच्चों में खाने के प्रति रूचि कम हो जाती है। बच्चों के लंच मे प्रयोग करना होगा। सप्ताह के सात दिनों तक बच्चों के लंच में प्रयोग कर सकते है। जिससे बच्चों को हर दिन कोई नया पौष्टिक आहार मिलेगा। अगर सोमवार को आप लंच में अंकुरित दाल व रोटी रखते ही तो मंगलवार को उपमा या फिर पोहा रख सकती है। बुधवार को फ्रूट्स तो गुरुवार को वेज सैंडविच दे सकते है।
यह बना सकते हैं डाइट
सुबह-सूजी उपमा, पोहा, स्टफ्ड पराठा, सैंडविच
मिड मॉर्निंग- फल या फिर फल का जूस
लंच- 2 रोटी, चावल, दाल, हरी सब्जी, सलाद
शाम-मिल्क शेक, स्प्राउट, उबले अंडे, बिस्किट आदि
डिनर- रोटी या पराठा, सब्जी, सलाद
इन्हें करे अवॉइड
फास्ट फूड
पैक्ड फूड
तला भूना हुआ खाना
फ्राइड चिकन
एक्स्ट्रा स्वीट
Hindi News / Gwalior / बदलते मौसम में बच्चों की सेहत का रखें विशेष ख्याल