ग्वालियर। क्या आप जानते हैं कि हमारी सेना ने लाइन ऑफ कंट्रोल के पार सर्जिकल स्ट्राइक में ध्रुव हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया। देश में ही बने इस हेलिकॉप्टर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने विकसित किया है। इन हेलिकॉप्टरों को आर्मी के अलावा एयरफोर्स और नेवी को भी दिया गया है।
ऐसे होती है प्रैक्टिस…
आर्मी के पास है ध्रुव का रुद्र वर्जन : जिस ध्रुव हेलिकॉप्टर से आर्मी ने सर्जिकल स्ट्राइक की, वह इसका रुद्र वर्जन था। इस रुद्र हेलिकॉप्टर में नाग मिसाइल सिस्टम है। इसके अलावा रुद्र दुश्मन के मिसाइल हमले का पहले अनुमान लगाकर दिशा बदलने की भी क्षमता रखता है। ध्रुव में इन्फ्र्रारेड और थर्मल इमेजिंग सिस्टम भी हैं, जो पहले से खतरे का अनुमान लगाकर स्ट्राइक करने में सक्षम हैं।
(यह है आर्मी का ध्रुव हेलीकॉप्टर)
ग्वालियर एयरबेस पर होती है प्रैक्टिस
1. सेंट्रल एयर कमांड का ग्वालियर एक महत्वपूर्ण एयरबेस है। इस एयरबेस पर एयरफोर्स के फाइटर एयरक्राफ्ट के अलावा हैलीकॉप्टर भी युद्ध की प्रैक्टिस करते हैं।
(ऐसे आसमान में प्रैक्टिस करते हैं ध्रुव हेलीकॉप्टर)
2. पिछले दिनों ध्रुव की एयरोबिक्स टीम ने ग्वालियर एयरबेस पर कुछ ऐसे करतब दिखाए, जिसको देखने से पता चलता है कि एयरफोर्स का टीम वर्क और अनुशासन कितना कठोर होता है।
(एयरफोर्स की हेलीकॉप्टर सारंग टीम। इसी हेलीकॉप्टर से एलओसी के पार जाकर आर्मी ने आतंकवादियों को मार गिराया।)
3. आसमान में आते हैलीकॉप्टर को देखने से यह लगता है कि ये आपस में भिड़ जाएंगे, लेकिन पायलटों के बीच टाइमिंग इतनी बेहतर होती है कि ये आराम से क्रास करते हुए निकल जाते हैं।
(ये है हैरतअंगेज प्रैक्टिस का एयरफोर्स का तरीका।)
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