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ग्वालियर

ग्वालियर में भी फैली 10रुपए के सिक्के बंद होने की अफवाह

दुकानदारों द्वारा नहीं लिए जाने से कई जगह ग्राहक होते रहे परेशान, अफवाह पर रोक लगाने के लिए स्थानीय प्रशासन ने अभी तक नहीं उठाए कोई कदम। ग्राहक जागरुक रहे यदि कोई व्यापारी 10रुपए का सिक्का लेने से मना करता है तो पुलिस में करें शिकायत।

ग्वालियरAug 20, 2016 / 02:36 pm

rishi jaiswal

10 rupees coin

10 rupees coin


ग्वालियर। मुरैना के बाद अब ग्वालियर में भी 10 रुपए के सिक्कों के बंद होने की अफवाह तेजी से फैल रही है। इसके चलते कई दुकानदारों ने यह सिक्का लेना ही बंद कर दिया है। सरकार द्वारा इस तरह के किसी भी आदेश को पास नहीं किए जाने के बावजूद स्थानीय दुकानदारों द्वारा भारतीय करेंसी पर किए जा रहे मनमाने व्यवहार के चलते आम लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

जानकारों के अनुसार भारतीय करेंसी को इस प्रकार मना करके दुकानदार एक बहुत बड़ा ऑफेंस कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अचानक ग्वालियर शहर में फैली इस अफवाह को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई पहल शुरू नहीं की गई है।




परेशान होते रहे शहरवासी
दुकानदारों द्वारा 10रुपए के सिक्के लिए जाने से इनकार करने के कारण शहरवासियों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यहां तक की कई स्थानों पर दुकानदारों व ग्राहकों की बहस होती तक देखी गई। इस दौरान सब्जी मंडी सहित कई छोटी-छोटी गुमटियों से लेकर ठेले वाले तक इन 10रुपए के सिक्कों को लेने को तैयार नहीं दिखे। वहीं जो ग्राहक खाद्य पदार्थ लेकर खा चुके थे उनके द्वारा 10 रुपए का सिक्का दिए जाने व दुकानदार द्वारा नहीं लिए जाने से उनमें बहस तक होती हुई देखी गई।




“मैं घर से 10-10रुपए के सात सिक्के लेकर पान खाने निकला था, पान खाने तक तो कुछ नहीं हुआ लेकिन जैसे ही दुकानदार को 10रुपए का सिक्का दिया। वो भड़क गया और सिक्का लेने से इनकार कर दिया। इसी को लेकर बहस हो गई। जैसे तैसे पास ही रहने वाले एक युवक के मिलने पर उससे पैसे उधार लेकर पान वाले को दिए।”
– दीपक सक्सैना, शहरवासी

“मैं सुबह मंडी गया था, सब्जी लेने के बाद बिल 140 रुपए का बना। 100 रुपए तो ठीक लेकिन 40 रुपए के लिए जैसे ही दुकानदार को 10-10रुपए के सिक्के दिए, उसने लेने से इनकार कर दिया। कारण पूछा तो कहने लगा ये सिक्के बंद हो गए हैं।”
– अजय सिंह, शहरवासी

“मैं सुबह नाश्ता करने एक पोहे के ठेले पर गया, पोहा खाने के बाद जैसे ही 10रुपए का सिक्का उसे दिया, उसने लेने से मना कर दिया, उसका कहना था कि यह सिक्के बंद हो गए हैं। मुरैना और धौलपुर में भी बंद हैं। जब उसे 10 का नोट दिया तब कही वह माना।”
कमल तिवारी, शहरवासी



यह है मामला
दरअसल करीब एक माह पहले मुरैना के दुकानदारों ने 10 रुपए के सिक्कों को नकली बताते हुए सरकार द्वारा इन्हें बंद कर दिया जाना बताया था, जिसके बाद से वे इन्हें ले नहीं रहे हैं। जानकारों के मुताबिक वहीं से ये अफवाह ग्वालियर भी आ गई असल में मुरैना के कई दुकानदार खरीददारी करने ग्वालियर आते हैं, उन्हीं के द्वारा सिक्के नहीं लिए जाने के चलते यह अफवाह फैल रही है।





चलन से बाहर करने से पहले भारतीय रिजर्व बैंक उठाता है ये कदम
जानकारों के मुताबिक सिक्के या नोट चलन से बाहर करने का अधिकार केवल भारतीय रिजर्व बैंक यानि आरबीआई को है। इसके लिए आरबीआई पहले निर्देश जारी करती है। आमजन को सिक्के या नोट बैंकों को लौटाने के लिए पूरा समय दिया जाता है। इस दौरान सिक्के या नोट बैंक में लिए जाते हैं। निर्धारित अवधि पूरी होने के बाद ही सिक्के या नोट चलन से बाहर किए जाते हैं। आमजन या बैंक अपने स्तर पर नोट या सिक्के लेने से मना नहीं कर सकता है, जब तक की रिजर्व बैंक कोई निर्देश जारी नहीं करे। 




करा सकते हैं रिपोर्ट दर्ज
नियम के अनुसार यदि कोई व्यक्ति या दुकानदार दस रुपए का सिक्का लेने से मना करता है तो उसके खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है। उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।

यह है सजा का प्रावधान 
नोट या सिक्के का जाली मुद्रण, जाली नोट या सिक्के चलाना और सही सिक्कों को लेने से मना करना भारतीय दंड संहिता की धारा 489 के तहत अपराध है। इन धाराओं के तहत किसी विधिक न्यायालय द्वारा आर्थिक दंड, कारावास अथवा दोनों ही सजा दी जा सकती है।

कानून सम्मत मान्य मुद्रा है दस का सिक्का

सिक्का करण(कॉइनेज) अधिनियम 2011 की धारा 6 के तहत रिजर्व बैंक द्वारा जारी सिक्के भुगतान के लिए वैद्य मुद्रा हैं बशर्ते कि सिक्के को विरूपित यानि जाली नहीं बनाया गया हो। उनका वजन इस तरह से कम हुआ हो जो हर सिक्केे के मामले में आरबीआई द्वारा निर्धारित वजन से कम हो। अधिक से अधिक दस रुपए तक के सिक्के वैद्य मुद्रा है। आरबी आई द्वारा जारी प्रत्येक बैंक नोट या सिक्का भुगतान के लिए अथवा उस पर अंकित मूल्य के लिए पूरे भारत में कहीं भी विधि मान्य मुद्रा है। यह भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 26 की उप-धारा (2) में निहित प्रावधानों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा प्रत्याभूत है।




“10रुपए का सिक्का सरकार की ओर से बंद नहीं हुआ है। कुछ दिन पहले ही रिजर्व बैंक की ओर से इस पर क्लियरफिकेशन भी दिया गया था। इसे बंद करने के संबंध में किसी भी प्रकार का कोई पत्र नहीं आया है। यह सरासर अफवाह है।”
– डीके जैन, लीड बैंक मैनेजर 

“यदि सिक्का नकली नहीं है और फिर भी दुकानदार इसे लेने से इनकार करता है तो कुटरचित धाराओं के अनुसार कार्रवाई की जाती है।”
– एचएनसी मिश्र, एसपी ग्वालियर

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