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ग्वालियर

अपने पुरूषार्थ पर रखो विश्वास

सिद्धचक्र महामंडल विधान के 5वें दिन आचार्य विनिश्चय सागर ने दुख के कारणों के बारे में बताया।

ग्वालियरMar 20, 2016 / 10:09 am

rishi jaiswal

acharya vinishya sagar

acharya vinishya sagar


ग्वालियर। दुनिया में लोग अपने दुख से दुुखी कम, बल्कि दूसरे के सुख से ज्यादा दुखी हैं। दुखों का सबसे बड़ा कारण ईष्र्या है। अंतरंग में समता का भाव जागृत करो, जो है उसका आनंद लेने का प्रयास करो। अपने पुरूषार्थ पर विश्वास रखो। अपने जीवन को धर्म में समर्पित कर दो। यह बात शनिवार को दीनानाथ की बगीची में चल रहे सिद्वचक्र महामंडल विधान के अवसर पर पर आचार्य विनिश्चय सागर जी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही।


आचार्यश्री ने कहा कि कितने लोग ऐसे हैं जो भगवान के पास आत्मकल्याण की चाह लेकर जाते हैं। मंदिर में भगवान की आराधना करके भी तुम्हारे अंतस में बदलाव नहीं आया, तुम्हारे जीवन में धर्म प्रकट नहीं हुआ तो सब बेकार है। संसारिक विषय भोगों से मन को मोड़कर अंतरंग में ले जाने का प्रयास करो। मूलचन्द्र जैन, रमेशचन्द्र जैन चुन्नी, प्रवीण जैन सर्राफ, ज्ञानेन्द्र जैन, प्रदीप कुमार जैन, रमेश चन्द्र जैन, सुमतिचन्द जैन आदि ने आचार्यश्री के चरणों में श्रीफल भेंट किया।


24 को बुराई दहन महोत्सव 
विधान के समापन पर 24 मार्च को बुराई दहन महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। जिसमें वहां मौजूद लोग बुराई एक पर्ची पर लिखकर हवन कुण्ड में डालेंगे। 

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