scriptयहां एक दिन अचानक हनुमान जी बन गए गणेश जी, जानिये क्या है मामला? | one day hanuman ji became ganesh ji here | Patrika News
ग्वालियर

यहां एक दिन अचानक हनुमान जी बन गए गणेश जी, जानिये क्या है मामला?

शहर में एक ऐसा मंदिर है जहां करीब 30 साल पहले तक हनुमान जी की पूजा होती थी। प्रतिमा पर केसरिया चोला भी चढ़ा हुआ था, यह परंपरा कई दशकों से चली आ रही थी। 

ग्वालियरSep 07, 2016 / 01:13 pm

rishi jaiswal

gwalior tample

lord ganesh


ग्वालियर। शहर मे एक ऐसा मंदिर भी है, जहां वर्षों तक भक्तों द्वारा हनुमान जी को चोला चढ़ाया जाता रहा, लेकिन एक दिन अचानक ही हनुमान जी ने भगवान गणेश जी का रूप ले लिया। जिसके बाद से यहां गणेशजी व हनुमान जी दोनों की पूजा की जाने लगी।



दरअसल लगभग 200 साल पुराने कंपू स्थित एक मंदिर में स्थापित प्रतिमा को दशकों तक लोग हनुमान जी समझकर सिंदूर और चोला चढ़ाते रहे। इसके बाद करीब 30 साल पहले प्रतिमा ने अपना केसरिया चोला छोड़ा तो नीचे से गणेश प्रतिमा निकल आई। 



अचानक हुए इस बदलाव से हैरान श्रृद्धालुओं ने जब मंदिर का रिकॉर्ड देखा तो वहां मराठा सेना के गणेश मंदिर का जिक्र मिला। इसके बाद से इस मंदिर में गणेश जी और बजरंगबली की साथ-साथ पूजा होनी शुरू हो गई।



चोला छोड़ा और बन गए गणेश…..
ग्वालियर के कंपू स्थित पुराने बस स्टैंड के पास उसरेटे वाले गणेश के नाम से प्रसिद्ध मंदिर है। करीब 30 साल पहले तक यहां हनुमान जी की पूजा होती थी। दरअसल इसमें जो प्रतिमा थी, उसमें केसरिया चोला चढ़ा हुआ था, यह परंपरा कई दशकों से चली आ रही थी। 



लोगों के अनुसार एक दिन अचानक प्रतिमा ने चोला छोड़ दिया। चोला छोडऩे के बाद नया श्रंगार करने से पहले प्रतिमा की सफाई की गई तो उसमें भगवान गणेश की आकृति सामने आ गई। 



इससे देख मंदिर प्रबंधन सहित वहां उपस्थित सभी लोग हैरान रह गए, पहले तो यही अफवाह उड़ी कि हनुमान ने रूप बदलकर गणेश का स्वरूप धारण कर लिया है, लेकिन पुरानी पीढ़ी के किसी श्रृद्धालु के संकेत पर मंदिर से जुड़े रिकॉर्ड खंगाले गए। तो दस्तावेजों में यह मंदिर गणेश मंदिर के तौर पर ही दर्ज था।



 उसके बाद पुरानी प्रतिमा के साथ ही एक नई गणेश प्रतिमा भी स्थापित कर दी गई। वहीं चूंकि मंदिर में सालों तक बजरंगबली की पूजा होती रही थी, इसलिए परिसर में एक प्रतिमा उनकी भी प्रतिमा स्थापित कर दी गई।




यहां पूजा करती थी सिंधिया की सेना 
इस मंदिर में गणेश प्रतिमा कहां से आई और कब मंदिर बना, धर्मस्व विभाग का रिकॉर्ड इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहता। दस्तावेजों के अनुसार इतना जरूर है कि, कंपू के इस मैदान में सिंधिया रियासत की सेनाएं रहती थीं। उसी दौरान एक पीपल के पेड़ के नीचे से निकली सिंदूर लगी गणेश प्रतिमा को उसी पेड़ के किनारे स्थापित कर दिया गया था। 


Hindi News / Gwalior / यहां एक दिन अचानक हनुमान जी बन गए गणेश जी, जानिये क्या है मामला?

ट्रेंडिंग वीडियो