ग्वालियर। ये काम कैसे रुका है। इसे सात दिन में पूरा करो। ये हिदायत महापौर विवेक शेजवलकर ने मुरार स्थित सिंहपुर नाले पर बनाए जा रहे हॉकर्स जोन के अधूरे निर्माण पर नाराजगी जताते हुए एक मार्च को अफसरों को दी थी।
इस आदेश को सात दिन की जगह 13 दिन का समय बीत गया, लेकिन मौके पर अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। जबकि मौके पर एमआईसी सदस्य धर्मेंद्र राणा, सतीश बोहरे, अपर आयुक्त एमएल दौलतानी, अधीक्षण यंत्री प्रदीप चतुर्वेदी, सिटी प्लानर पवन सिंघल, प्रेम पचौरी, एई सुरेश अहिरवार मौजूद थे। मौके पर तकनीकी और स्वीकृति देने वालों की मौजूदगी के बावजूद मुरार को दिशा देने वाला यह प्रोजेक्ट अधर में अटका हुआ है।
मालूम हो कि महिला एवं बाल विकास मंत्री माया सिंह ने करीब दो वर्ष पूर्व मुरार के लोगों को जल्द से जल्द हॉकर्स जोन बनाकर देने का वादा किया था।
यह थी योजना
स्टेप-1 :-
लागत: 81 लाख , लंबाई: 170 मीटर
चौड़ाई और ऊंचाई: ढाई वाय ढाई मीटर
वर्तमान स्थिति: नाला 160 मीटर बना 10 मीटर शेष
काम समय-अक्टूबर 2015 तक नाला बनाया जाना था।
लाभ: नाका पक्का हो जाने से क्षेत्र में गंदगी खत्म होती, मच्छर और सुअरों से निजात मिलेगी। साथ ही नाले के ऊपर ही ठेले और फुटपाथियों को सदर बाजार और सिंहपुर रोड से शिफ्ट किया जाना था।
स्टेप-2 :-
सड़क: नाले के दोनों ओर सीसी सड़क
लंबाई: 170 मीटर वाय 3 से 4 मीटर मीटर चौड़ी बननी है।
लाभ: सिंहपुर रोड और घास मंडी के बीच लिंक रोड के बन जाने से लोगों को सदर बाजार से निकलने की जरूरत नहीं होगी। इससे सदर बाजार का भी लोड कम होगा।
स्टेप-3 :-
हॉकर्स जोन: नाले के ऊपर हॉकर्स जोन का निर्माण होना है।
टॉयलेट: हॉकर्स जोन के लोगों के साथ ही यहां आने वालों की सुविधा के लिए टॉयलेट का भी निर्माण होना है।
लागत: सड़क, हॉकर्स जोन व टॉयलेट के लिए करीब 51 लाख का प्रस्ताव है।
लाभ: ठेले शिफ्ट हो जाने से सिंहपुर रोड ठेला फ्री हो जाएगी। साथ ही ठेले वालों को भी स्थाई बाजार मिल जाएगा। सदर बाजार का भी लोड कम हो जाएगा, लेकिन अप्रैल 2015 से इस प्रस्ताव पर तेजी नहीं आई है।
“निरीक्षण के बाद आयुक्त द्वारा कमेटी का गठन किया गया है, जिसकी रिपोर्ट अब तक आई नहीं है। हम जल्द ही काम शुरू कराने का प्रयास करेंगे।”
डॉ.एमएल दौलतानी, अपर आयुक्त नगर निगम
“ये बात सही है कि अफसरों को काम शुरू कराना था। इस मामले में देरी क्यों हो रही है। इस पर एमआईसी में निर्णय करेंगे।”
धर्मेंद्र राणा, एमआईसी सदस्य, नगर निगम
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