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ग्वालियर

कंधों पर लटककर आए और बंध खोलते ही स्वयं हो गए खड़े, जानिये कहां?

 रतनगढ़ की माता का मंदिर में आज भी होते है चमत्कार, दीपावली के बाद आने वाले भाईदूज पर सर्पदंश से पीडित लोगों को मिलता है नया जीवन। 

ग्वालियरNov 02, 2016 / 04:21 pm

rishi jaiswal

rout of ratangarh mata

rout of ratangarh mata


ग्वालियर। सांप के काटने से मरने की कगार पर पहुंचे कई लोग आस्था के साथ रतनगढ़ के कुंअर बाबा के मंदिर में पहुंचे। लोगों ने जयकारे लगाते ही कुछ पीडितों के मुंह से झाग निकलने लगा और सांप काटे के स्थान पर लगाया गया बंध खोलते ही सांप का शिकार बने लोग उठकर खड़े हो गए। पूरे देश के कई राज्यों से 5 हजार से ज्यादा सांप के काटे हुए लोग रतनगढ़ पहुंचे और ठीक हो गए। 

ऐसे पहुंचे रतनगढ़….
दरअसल घने जंगल में दुर्गम पहाड़ी पर रतनगढ़ की माता का मंदिर बना हुआ है। 
लोगों का विश्वास है कि सांप काटने पर यदि कुंअर बाबा के नाम का बंध बांध लिया जाए, तो जहर का असर नहीं होता है। इसी आस्था के कारण उत्तर भारत के लाखों लोग इस मंदिर में दीपावली की भाईदूज के दिन यहां आकर सर्पदंश से पीडित लोगों के बंध खोलते हैं। 



इस भाईदूज के दिन मंगलवार को भी जैसे ही सांप से पीडित लोग मंदिर की सीमा में पहुंचे, वैसे ही पीडित व्यक्तियों के मुंह से झाग निकलने लगा। वहीं कुछ बेहोशी की हालत में यहां पहुंचे।
कुंअर बाबा के नाम पर खोले बंध
यहां आए सर्पदंश से पीडित लोगों के जैसे ही कुंअर बाबा का नाम लेकर बंध खोला गया, वैसे ही मरणासन्न व्यक्तियों को होश आ गया।



यह चमत्कार देखते ही भक्तों ने माता रतनगढ़ और कुअंर बाबा के जयकारे लगाने शुरू कर दिए। एक अनुमान के मुताबिक इस बार भी करीब 5 हजार से ज्यादा सर्पदंश से पीडित लोग रतनगढ़ आए और ठीक होकर अपने घर गए।
सदियों से हो रहा चमत्कार
रतनगढ़ में सदियों से लोग अपने सर्प दंश खोलने आते हैं और यहां आते ही ठीक हो जाते हैं। लोगों का मानना है कि रतनगढ़ माता और कुंअर बाबा में अलौकिक शक्ति है, जिससे हर जहरीले सांप का असर यहां आते ही खत्म हो जाता है।

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