हर्ष पचौरी @ ग्वालियर/भोपाल
प्रदूषण और बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था से जूझ रहे ग्वालियर में मेट्रो चलाने की योजना कागजों पर एक कदम और आगे बढ़ गई है। भोपाल और इंदौर में कागजी मेट्रो चला रही सरकार ग्वालियर और जबलपुर में मेट्रो सेवा शुरू करने के लिए डीपीआर बनवाएगी। शहर की आबादी और ट्रैफिक लोड को देखते हुए ग्वालियर में तीन डिब्बों वाली मेट्रो की संभावना तलाशी जाएगी। भोपाल और इंदौर के बाद एमपी मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने इसके लिए ग्वालियर और जबलपुर में फिजिबिलिटी सर्वे कराने के लिए प्राइवेट कंसलटेंट कंपनियों के नाम रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (क्रमांक एमआरसीएल-002-2016) भी जारी कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक इस प्रपोजल पर टीयूवी साउथ एशिया, केपीएमजी सहित आधा दर्जन कंपनियां एमडी विवेक अग्रवाल को प्रजेंटेशन दे चुकी हैं। वहीं, सरकार ने इस बार कंसलटेंट कंपनी नियुक्त करने की शर्तें पहले से सख्त दी हैं। प्राइवेट फर्म ने बैंक गारंटी कम करने, ज्वाइंट वेंचर में काम करने सहित वर्क एक्सपीरियंस पीरियड कम करने जैसे प्रस्ताव सरकार के सामने रखे हैं जिनमें से कुछ पर सहमति बन चुकी है। डीपीआर के लिए अब तक केपीएमजी, लुईस बर्गर, बारसिल, डी ऑपोलोनिया, वीबीएस कर्सोटियम, टीयूवी साउथ एशिया प्रेजेंटेशन दे चुकी हैं।
स्टेशन और डिब्बे दोनों रहेंगे कम
ग्वालियर-जबलपुर में भोपाल और इंदौर के मुकाबले रेलवे ट्रैक छोटा होगा। ये फैसला पैसेंजर लोड के हिसाब से लिया गया है। भोपाल में 95.3 किमी लंबे ट्रैक पर 86 और इंदौर में 103.4 किमी के ट्रैक पर 88 बनाने की योजना है।
जबकि ग्वालियर में स्टेशनों की संख्या भी कम रहेगी।
फिजिबिलिटी सर्वे में यह होगा
शहर के कितने घनत्व में रैपिड ट्रांजिट सिस्टम ट्रैक बिछ सकता है।
किस रूट पर रोज किस वक्त कितनी यात्री संख्या संभावित है।
रूट बिछाने के लिए कितनी जगह उतार-चढ़ाव, मोड़ आएंगे।
प्रस्तावित रूट में सरकारी जमीन की उपलब्धता एवं निजी जमीन।
– प्रस्तावित रूट की लाइनों की कंस्ट्रक्शन कॉस्ट प्रति किमी, रखरखाव का खर्च।
Hindi News / Gwalior / ग्वालियर और जबलपुर में मेट्रो रेल का सपना होगा पूरा! ये है एक्शन प्लान