ग्वालियर। मुरार के कारोबारी अखिलेश गांगिल का अकाउंट हैक कर उससे 10.30 लाख रुपए चोरी करने वाले हैकर का एक और दलाल सुमित बोस निवासी कोलकाता पकड़ा गया है।
क्राइम ब्रांच उसे कोलकाता से ले आई है। अब भी धंधे का मास्टरमाइंड का पुलिस पता नहीं लगा सकी है। सुमित ने खुलासा किया उसका लिंक समीर गैंग से है। उसे गिरोह ठगी की कमाई में 15 प्रतिशत हिस्सा देता था। इसके एवज में उसका काम बेरोजगार युवकों की तलाश रहती थी। उन्हें कामकाज के लिए बैंक से कर्ज दिलाकर उनके बैंक अकाउंट का ब्यौरा हासिल करता था।
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अखिलेश गांगिल के बैंक खाते से रकम चोरी करने के लिए उसने कोलकाता निवासी सोमेन के खाते का इस्तेमाल किया था। सोमेन बेरोजगार था। उसे भी कर्ज दिलाने का लालच दिया था। अखिलेश गांगिल के बैंक खाता हैक कर पैसा सोमेन के खाते में आया तो उसने ही रकम को निकाल कर हैकर को दिया। इस काम में उसके दो साथी और शामिल थे। ठगी की रकम में 15 प्रतिशत हिस्सा मिला इसे दोनों साथियों में बराबर बांटा।
अफसर नहीं बना तो ठगी का धंधा शुरु किया
पुलिस का कहना है समित दास इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है। यूपीएससी में भी उसने किस्मत आजमाई लेकिन सफल नहीं हुआ तो उसने हैकर्स गैंग से लिंक कर ठगी का धंधा शुरु किया। पकडे जाने पर समित पहली बार जुर्म करना बता रहा है। लेकिन आशंका है वह झूठ बोल रहा है।
इस तरह करते थे ठगी
1. हैकर्स जिसके खाते से रकम चुराते हैं सबसे पहले उसका मोबाइल नंबर हासिल करते है। इसके आधार पर टारगेट होने वाले व्यक्ति के बैंक खातों का डिटेल लेकर उसकी डुप्लीकेट सिम इश्यू कराते हैं।
2. ठगे जाने वाले व्यक्ति की सिम बंद होने पर ठग उसके मोबाइल नंबर की हासिल की गई सिम से उसका बैंक खाता आपरेट करते हैं। इससे एकाउँट आपरेट करते वक्त बैंक जो भी पासवर्ड और जानकारी भेजता है वह ठगों के मोबाइल पर पहुंचती है। जिसके खाते से पैसा चोरी किया जा रहा है सिम बंद होने की वजह से उसे पता नहीं चलता।
Hindi News / Gwalior / CRIME: IAS नहीं बन पाया तो करने लगा ये काम, चढ़ा पुलिस के हत्ते