ग्वालियर। चित्र और चरित्र का अटूट संबंध है, तुम जैसा चित्र देखोगे वैसा ही तुम्हारा चरित्र होगा, तुम प्रात:काल सबसे पहले शुद्धि कर भगवान के मंदिर जाकर भगवान की वीतरागी प्रतिमा को निहारो, भाव सहित दर्शन करो, और प्रार्थना करो कि हे भगवन जैसा स्वरूप तुम्हारा है एक दिन मैं भी इस स्वरूप को पा जाऊं। भगवान से सांसारिक वस्तुओं को मत मांगों, बल्कि आत्मा के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने की प्रार्थना करो। यह उद्गार आज बुधवार को दीनानाथ की बगीची में चल रहे श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान के अवसर पर परमपूज्य आचार्यश्री विनिश्चय सागर जी महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए दिए।
इस अवसर पर भगवान महावीर स्वामी का अभिषेक किया गया तथा भगवान की शांतिधारा ब्रजेश जैन वरुण सिंधी परिवार के द्वारा की गई। आचार्यश्री का पादपच्छालन वरुण जैन ने किया। ब्रह्मचारिणी भारती दीदी एवं पं. राकेश जैन के मार्गदर्शन में विश्व शांति की मंगल कामना से महायज्ञ किया गया।
ललित जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि विधान के समापन पर गुरुवार 24 मार्च को प्रात: 8 बजे से बुराई दहन महोत्सव को आयोजन किया जायेगा। जिसमें वहां मौजूद लोग अपनी अपनी एक बुराई एक पर्ची पर लिखकर हवन कुण्ड में डालेंगे। महोत्सव में कलाकारों द्वारा नृत्य नाटिका का मंचन होगा। बाद में महावीर स्वामी की भव्य रथयात्रा भी निकाली जायेगी जो प्रमुख मार्गों से निकलती ही मुरार के बड़े जैन मंदिर में पहुंचेगी।
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