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ग्वालियर

अब की होली इको फ्रेंडली, गोबर के कंडे से जलाएं होलिका

अगर लोग पेड़ काटने वालों को रोकें और होलिका पूजन के लिए कंडों का उपयोग करें तो यह होलिका, पर्यावरण की मित्र बन जाएगी।

ग्वालियरMar 22, 2016 / 02:07 pm

Shyamendra Parihar

how to celebrate holi

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ग्वालियर। प्रदूषण के खतरे को कुछ हद तक टाला जा सकता है। अगर लोग पेड़ काटने वालों को रोकें और होलिका पूजन के लिए कंडों का उपयोग करें तो यह होलिका, पर्यावरण की मित्र बन जाएगी। हमें लोगों को जागरूक करना होगा साथ ही सामूहिक होलिका दहन से लोगों में प्रेम-सद्भाव बढ़ाने की दिशा में सराहनीय प्रयास भी करने होंगे।

यह बात नगर निगम में राजस्व प्रभारी खुशबू गुप्ता और एमआईसी सदस्य धर्मेन्द्र उर्फ गुड्डू तोमर ने पत्रिका अभियान ‘कंडों की होलिका के तहत आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही।

इस दौरान खुशबू गुप्ता ने सोमवार को हेमसिंह की परेड पर क्षेत्रीय रहवासियों को होलिका में लकड़ी की जगह कंडों का उपयोग करने के लिए शपथ दिलाई। वहीं तोमर ने तानसेन नगर स्थित पार्क में लोगों को संकल्प दिलाया।

आप भी करें पहल
यदि आप भी हरियाली बचाने पहल करना चाहते हैं तो अपनी व दूसरी कॉलोनी के लोगों को होलिका दहन में लकडि़यों की जगह कंडों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करें और पत्रिका के हेल्पलाइन नंबर 8109963009 पर हमें बताएं। ज्ञात हो कि पत्रिका द्वारा हरियाली को बचाने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है।

फैक्ट फाइल
दो होलिका में एक पेड़ स्वाहा
एक पेड़ में करीब 4 से 5 क्विंटल लकड़ी होती है। 
एक होलिका में करीब दो से ढाई क्विंटल लकड़ी जलती है।
दो होलिका में 1 पेड़ स्वाहा हो जाता है। 
ऐसे वृक्षों को कंंडो की होली से बचा सकते हैं।
सामूहिक होली से भी पर्यावरण का संरक्षण हो सकता है।

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