(फाइल फोटो)
ग्वालियर। होली एक ऐसा त्यौहार है जहां लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं और गले मिलकर सारे बैर भाव मिटाते हैं, लेकिन ग्वालियर की होली इसे जरा हटके है। यहां तो खुद महादेव होली पर अपनी टोली के साथ निकलते हैं और सभी देवी देवताओं को अबीर लगाकर होली मनाते हैं।
ग्वालियर में होली एक दिन की नहीं होती, यहां पर होली कस सिलसिला होलिका अष्टम के साथ ही शुरू हो जाता है, जो कि रंगपंचमी तक चलता है। इस दौरान कई मंदिरों में खुद भगवान होली खेलते हैं और भक्त होली की शुरूआत भगवान को गुलाल का टीका लगाने के साथ करते हैं।
टोली के साथ निकलते हैं बाबा अचलनाथ
शहर में होली वाले दिन लोग बाबा अचलनाथ से होली खेलने आते है, जबकि रंग पंचती पर खुद बाबा अचलनाथ अपने पूरे गणों के साथ टोली में निकलते है और पूरे शहरवासियों के साथ होली खेलते हैं।
भगवान चक्रधर और गिर्राज जी महाराज को लगाते है रंग
बाबा अचलनाथ की पालकी मंदिर से निकलती है तो सबसे पहला पड़ाव सनातन धर्म मंदिर आता हैं। जहां बाबा भगवान चक्रधर को गुलाल लगाकर उनके साथ होली खेलते हैं। इसके बाद उनका कारवां जाता है गिर्राज जी महाराज की ओर, जहां बाबा अचलनाथ उनके साथ जमकर होली खेलते है।
बाबा अवलनाथ की ये टोली पूरे शहर में घूमती है और लोग बाबा को गुलाल लगाते तो बदले में बाबा पर चढ़ा गुलाल भी लोगों को लगाया जाता है। ग्वालियर में यह प्रथा बहुत पुरानी है। ये पूरे देश की विशेष होली है, जहां भगवान और भक्त साथ में होली खेलते हैं।
Hindi News / Gwalior / यहां अचलेश्वर महादेव निकलते हैं टोली के साथ, इनसे खेलते हैं होली