ग्वालियर। मानसून का मौसम सुखद फुहारे लाता है, लेकिन साथ ही इस मौसम में सर्दी और बुखार भी काफी बढ़ जाते हैं। जब लोग एक साथ इनडोर समय ज्यादा बिताते हैं, तो विषाणु के मामले बढ़ते हैं। सर्दी, बुखार और सांस सम्बधी कई संक्रमण विषाणुओं द्वारा व्यक्ति से व्यक्ति में फैलते रहते हैं, इसके लिए कई सरल सेहतमंद नुस्खे जैसे नियमित रूप से हाथ को धोना और अपने चेहरे को हाथ से स्पर्श ना करना आदि अपनाकर आप संक्रमण से दूर रह सकते हैं।
अगर आप सर्दी खासी से पीडि़त हैं, तो खांसते या छींकते वक्त अपने मुंह और नाक को ढंके और वह टिशु या कपड़ा फेंक दें। अच्छी प्रोटीनयुक्त डाइट लेने से भी आप अपने प्रतिरक्षा तन्त्र को मजबूत कर सकते हैं और विषाणुओं से बच सकते हैं। मानसून के मौसम में सांस के अलावा पानी से होने वाले रोग भी फैलते हैं। घर में ,सुनिश्चित करें कि भोजन और पेय सम्बधी उपयोग का पानी अच्छी तरह से उबाल लिया गया है और सब्जियां या अन्य खाद्य पदार्थ अच्छी तरह धो लिए गये हैं।
ये भी रखेंगे आपको सेहतमंद
– फिट रहने के लिए वर्कआउट करना बहुत जरूरी है। वर्कआउट के लिए आप सुबह-शाम टहल सकते हैं।
– फिट रहने के लिए आप जिम ज्वाइंन कर सकते हैं। यदि ऐसा संभव न हो तो आप जॉगिंग कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें शुरूआत हमेशा धीमी रफ्तार से हो। फिर चाहे तो आप अपना वर्कआउट सेशन बढ़ा सकते हैं।
– जॉगिंग के दौरान बीच-बीच में रूकें और जॉगिंग शुरू करने से पहले वॉर्मअप जरूर करें।
– व्यायाम के दौरान ऐसी एक्सरसाइज करें जिससे आपके पूरे शरीर का वर्कआउट हो जाएं।
– आप शाम के समय योगा भी कर सकते हैं। योगा में मेडिटेशन को भी शामिल करें। इससे आपको मानसिक शांति भी मिलेगी।
– आप साइक्लिंग भी कर सकते हैं।
इसके अलाव आपका नाश्ता हेवी होना चाहिए, लेकिन डिनर हल्का करें ऐसा करने से आपका पाचनतंत्र ठीक रहें। साथ ही रात को सोने से कम से कम एक घंटा पहले खाना खाएं और खाना खाने के बाद टहलना न भूलें। जहां तक हो सके तनावमुक्त रहें और अपने आसपास के माहौल को खुश रखें, जिससे आप पूरा दिन फ्रेश रह सकें और मानसून का मजा भी ले सकें।
खासतौर पर बचें इन परेशानियों से
स्क्रैचिंग से बचें – यदि आपको मच्छर ने काट लिया है तो उसे खुजालने से या स्क्रैचिंग से बचें, क्योंकि यह वायरस नाक, शरीर या मुंह के माध्यम से आपके अंदर प्रवेश कर सकते हैं। इसलिए मच्छर से काटे हुए प्रभावित क्षेत्र को जितना कम हो सके, उतना कम छुएं।
बीमारियों से बचने के लिए रूमाल का उपयोग करें। रूमाल को अपने साथ या अपनी जेब में रखना शिष्टाचार को दर्शाता है। बारिश के दिनों में जितना कम हो सके अपने चेहरे को स्क्रैच करें या छुएं, क्योंकि फ्लू वायरस मुंह, आँख, नाक आदि के माध्यम से आपके अंदर प्रवेश कर सकते हैं। इसलिए ध्यान रखें, जब भी जरुरत पड़े तो हाथ के बजाय रूमाल की मदद से चेहरे को पोछें या साफ करें और हाथों को चेहरे से दूर रखें।
त्वचा के संक्रमण से बचे- बरसात के दिनों में बहुत ही ज्यादा मात्रा में गटर, नालों में गंदा पानी एकत्रित हो जाता है, और फिर सडकों में फिर जमा होने लगता है। ऐसे में अगर आप नंगे पैर सड़कों में चलने लगते हैं तो यह दूषित और जहरीला पानी आपकी त्वचा में लगकर अवांछित त्वचा कर संक्रमण पैदा कर सकता है। इस मौसम में अपने शरीर का कोई भी भाग अगर खुला होता है, तो उसमे गंदे पानी से होने वाले संक्रमण की सम्भावना अधिक होती है। इसलिए बरसात के मौसम के लिए स्वास्थ्य सुझाव के अनुसार घर से बाहर निकलते समय यह सुनिश्चित कर लें कि आपने अपने शरीर को ढका है या नहीं और पैरो में भी जूते पहनकर उसे अवश्य ढकें।
हाथों को धोएं – बारिश के मौसम में आप हाथ धोने की बात को अनदेखा नहीं कर सकते, वरना यह आपके लिए बहुत ही घातक सिद्ध हो सकता है। इसलिए इस मौसम में हाथों को नियमित रूप से धोते रहने से व्यक्ति स्वास्थ्य संकटों से दूर रहता है। ऐसा करने का मुख्य कारण यह है की बारिश के दौरान कई तरह से बैक्टीरिया और वायरस सक्रिय हो जाते हैं और आपकी जानकारी के बिना किसी न किसी तरीके से ये आपके संपर्क में आ जाते हैं। इसलिए ध्यान रखें, रोजाना भोजन करने से पहले अपने हाथ को साबुन से धोकर या सेनिटाइजर से अच्छी तरह से साफ कर लें।
डायबिटीज और अस्थमा के मरीजों के लिए – अगर आप या आपके कोई रिश्तेदार डायबिटीज और अस्थमा की बिमारी से पीडि़त है, तो इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि बारिश के दिनों में पीडि़त गीली दीवारों के पास ना सोएं। क्योंकि, गीली दीवार के पास सोने से शरीर के अंदर कफ के विकास को बढ़ावा मिलता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक साबित हो सकता है।
मच्छरों के प्रकोप से बचें- बरसात के दिनों में मच्छरों की आबादी में बहुत ज्यादा वृद्धि हो जाती है, क्योंकि ऐसे समय में पानी बहुत ज्यादा हो जाता है, जो की मच्छरों के लिए एक अच्छी प्रजजन भूमि का काम करता है। अपने घर में कूलर के पानी को अच्छे से जाँच ले और रोजाना उस पानी को बदलें। घर के अन्य क्षेत्र जैसे कि फूल के बर्तन, एक्वैरियम और कुएं में भी पानी एकत्रित रहता है। इन्हें किसी कीटाणुनाशक के प्रयोग से साफ करें और ढक कर रखें।
बारिश के मौसम में यह एहतियात हैं जरुरी
1) हमेशा ताजे और स्वच्छ सब्जी / फल का सेवन करे।
– ध्यान रहे की खाने से पहले फल / सब्जी को अच्छे से स्वच्छ पानी से धो कर साफ कर ले,खास कर हरी पत्तेदार सब्जी।
– बासी भोजन,पहले से कटे हुए फल तथा दुषित भोजन का सेवन न करे ।
– हमेशा ताजा गरम खाना खाए।
– इस मौसम में सब्जी / फल जल्दी खऱाब हो जाते है इसलिए हमेशा ताजा फल या सब्जी का प्रयोग करे।
– इन दिनों में हमारी पाचन शक्ति सबसे कम होती है।इसलिए जरुरी है अधिक तला,भुना खाना न खाया जाए बल्की ऐसा भोजन खाया खाए जो आसानी से पच जाए।जब भूख लगे तब ही और जीतनी भूख हो उतना ही आराम से पचने लायक खाना लेना चाहिए।
– ज्यादा ठंडा,खट्टा न खाए।ज्यादा नमक वाली चीजे जैसे चिप्स,कुरकुरे,चटनी,पापड कम खाए क्योंकी इस मौसम मे शरीर मे पानी प्रतिधारण कि संभावना ज्यादा होती है।
2) भरपूर स्वच्छ पानी पीये
– वर्षा ऋतु में हवा में अधिक नमी होने के कारण शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकलती है और साथ ही पसीना भी ज्यादा आता है,ऐसे में जरुरी है की शरीर में पर्याप्त पानी का प्रमाण रखने के लिए भरपूर पानी का सेवन करे।
– हमेशा उबाल कर ठंडा किया हुआ या फ़िल्टर किये हुए स्वच्छ पानी का सेवन करे।कम से कम 15 मिनट तक पानी अवश्य उबाले।
– ठंडा पेय पीने की बजाय तुलसी,इलायची की चाय या थोडा गरम पानी पीना ज्यादा फायादेमंद है।
3) बारिश से बचाव
– हर किसी को बारिश में भीगना पसंद है पर बारिश में ज्यादा देर तक भीगने से सर्दी-खांसी और बुखार हो सकता है।
– बारिश में भीगने पर ज्यादा देर तक बालो को गीला न रखे।
– अगर आप को अस्थमा है या फिर आपको जल्दी सर्दी-जुखाम-खांसी हो जाती है तो बारिश में न भीगे।
– बारिश से बचने के लिये छाता/रेनकोट का इस्तेमाल करना चाहिये।
– कपडे/जूते /चप्पल गीले हो जाने पर तुरंत बदल दे।ज्यादा समय तक गीले कपडे पहनने से फंगल ईत्यादी त्वचा रोग हो सकते है।
– डायबिटीज के मरीजो को विशेष रूप से अपने पैरो को ज्यादा ख्याल रखना चाहिये।पैर गीले होने पर तुरंत उन्हे साफ कर देना चाहिये।
4) बुजर्गो की देखभाल
– बदलते मौसम मे बुजर्गो के बिमार होने कि संभावना ज्यादा होती है। इसलिये जरुरी है कि उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखा जाए।
– बुजर्ग बारीश मे ज्यादा बाहर न निकले।गरम चाय,कोफी या सूप पिए।
– ज्यादा कच्चे फल या सलाद न खाए।
– खाने मे हल्दी ,ईलायची,सौन्फ,दालचीनी का इस्तेमाल करे।इनसे रोगप्रतिकार शक्ती बढती है।
यह खा सकते हैं
मानसून के मौसम में मूंगफली ,आम, आवला और तुलसी को अपने आहार का हिस्सा बनाये। ये सभी चीजे शरीर में रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढाने में उपयोगी साबित होते है । वही प्रोसेसड फूड की मात्र जितनी हो सके ,उतनी कम कर दें। इसकी वजह यह है कि प्रोससेड फूड में विटामिन सी और जिंक की मात्रा कम होती है। इन सभी पोषक तत्वों का शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढाने में अहम योगदान होता है।
अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थो को भी शामिल करें , जिनके शरीर को लाभ पहुचाने वाले बैक्टीरिया होते है । इस श्रेणी में दही ,डोसा ,ढोकला आदि को शामिल किया जा सकत हैं। भुट्टे में प्रचुर मात्रा में विटामिन बी1 , विटामिन सी ,फोलेट और फाइबर पाया जाता है। दिल को दुरुस्त रखने के लिए भुट्टा उपयोगी साबित होता है। यही नही इसका नियमित सेवन लंग कैंसर की आशंका को 37 प्रतिशत तक कम करता है।
अन्य सावधानियां
– रात मे सोने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करे।
– अपने घर के आस-पास गंदगी न होने दे। घर के आस-पास के गढ्ड़ों को भर दे। जिससे बारिश का पानी रुककर सडने न पाए। इससे मच्छर उत्पन्न नही होंगे।
– घर कि अच्छी तरह फऩिाईल से सफाई करे ताकि मक्खियां न आए।
– बच्चो को बारीश से पूर्व ही टाइफाइड और हेपेटाइटिस के वेकसीन लगवा दे।
– अपनी नियमित चल रही दवाईयो का अधिक खुराक जमा कर ले ताकि बारीश कि वजह से बाहर न जा सकने पर दवा मे कोई गैप न पडे।
– किसी भी रोग कि शंका होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाए।