राजा मानसिंह तोमर ने तुरंत ही मृगनयनी को अपनी पटरानी बनाने का निश्चय कर लिया। उनके इस निश्चय का काफी विरोध भी हुआ लेकिन उन्होंने उससे इन सबको दरकिनार कर विवाह किया। राजा ने अपनी नई रानी के लिए एक भव्य महल भी बनवाया। मृगनयनी के नीची जाति होने के कारण लोगों ने विरोध किया जिस पर इस महल को ग्वालियर किले के बाहर बनाया गया।
अपने आप में अनूठा है गूजरी महल
गूजरी महल परंपरागत हिन्दू भवनों की तरह चौरस हैं जिसके बीच में बड़ा सा चौक और बाग है। यहां के खंभों तथा दीवारों पर नक्काशीदार काम किया गया है जो देखते ही मन मोह लेता है।