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ग्वालियर

वाह क्या खूब… बैठक बजट की, निर्णय ले लिया ईसी मेम्बर्स के ठहरने पर

ईसी मेम्बर नाराज बोले कुलसचिव के इशारे पर लिए जा रहे हैं सारे निर्णय, रूसा के बजट को पास करने के लिए बुलाई गई थी आकस्मिक बैठक।

ग्वालियरApr 01, 2016 / 08:53 am

Gaurav Sen

ju meeting

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ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी (जेयू) अपने बाहर के ईसी मेम्बरों को लग्जरी होटल की जगह अपने गेस्ट हाउस में ठहराएगी। यह निर्णय गुरुवार को कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित आकस्मिक ईसी (स्टेडिंग कमेटी) की बैठक में लिया गया। इस फैसले का ईसी मेम्बरों ने विरोध किया है। उनका आरोप है कि जेयू में कुलसचिव डॉ.आनंद मिश्रा के इशारे पर सारे निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्होंने यह दांव अपने कार्यकाल का अप्रूवल होने के बाद खेला है, जो सही नहीं है, इसके परिणाम बाद में देखने को मिलेंगे। 


उनका कहना था कि इस निर्णय से उनको कोई आपत्ति नहीं है कि उनको कहां ठहराया जा रहा है, लेकिन निर्णय सही तरीके से होना चाहिए था। ईसी रूसा के बजट को पास करने के लिए बुलाई गई थी, न कि अन्य कामों के लिए। 22 बीएड कॉलेजों के मामले सहित ईसी मेम्बरों के ठहरने के मामले को मिनिट्स में शामिल कर आगामी ईसी की बैठक में रखना चाहिए था, लेकिन एेसा नहीं किया गया। उनका आरोप है कि 22 बीएड कॉलेजों की निगेटिव रिपोर्ट के बाद भी उनको संबद्धता देने के लिए हरी झंडी दे दी।


अग्रवाल बने डीसीडीसी
जेयू की ईसी की बैठक में डीसीडीसी पद के लिए प्रो.डीडी अग्रवाल को चुना गया। इसके तुरंत बाद उच्चशिक्षा विभाग से नए परीक्षा नियंत्रक प्रो.अश्वनी श्रीवास्तव के नाम की सहमति आ गई। डीसीडीसी प्रो.अग्रवाल का कहना है कि उनका मकसद जेयू में एेसे कोर्स शुरू कराना है, जिनसे छात्रों को रोजगार मिल सके। साथ ही एेसे कॉलेजों पर लगाम लगाना है जो फर्जीवाड़ा करके कॉलेज चला रहे हैं।


जेयू देगा लिफाफा
कॉलेजों में निरीक्षण पर जाने वाले शिक्षकों के लिए बुरी खबर है। अब वे कॉलेजों से लिफाफा नहीं ले सकेंगे। आने-जाने का पूरा खर्च अब जेयू स्वयं देगा। यह निर्णय ईसी की बैठक में किया गया। उल्लेखनीय है कि पूर्व में कॉलेज संचालक अपने हिसाब से टीम के सदस्यों को कॉलेज में बुलाते थे, और सुविधाशुल्क रूपी लिफाफा देकर अपनी रिपोर्ट ओके करा लेते थे। अब नई व्यवस्था लागू होने से उनको परेशानी का सामना करना पड़ेगा। 


“जेयू में सीधी-सीधी कुलसचिव डॉ. मिश्रा की मनमानी चल रही है। अपनी मनमर्जी से ईसी की बैठकें रखी जा रही हैं। हमें निर्णय से कोई आपत्ति नहीं, लेकिन ईसी से 12 घंटे पहले सूचना देना कौन से नियम में आता है, कुलसचिव बताने का कष्ट करेंगे। सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है, फिर ईसी की क्या जरूरत है। मैं इसकी शिकायत राजभवन के साथ ही मुख्यमंत्री से करूंगा।” 
राजीव अग्रवाल, ईसी मेम्बर, जेयू 

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