ग्वालियर। बारिश के मौसम में इन दिनों बाजार में भुट्टों की बहार आई हुई है। ताजा नर्म ये भुट्टे एक ओर जहां बरबस ही मन मोह लेते हैं वहीं सिंकते हुए भुट्टों की खुशबू हम सभी को दीवाना तक बना देती है। नींबू नमक के साथ इनका स्वाद और भी बढ़ जाता है। यह भुट्टे केवल आपको ललचाते ही नहीं बल्कि आपकी सेहत को फायदा भी पहुंचाते हैं। अत: बड़ों को साथ-साथ बच्चों को भी भुट्टे अवश्य खिलाने चाहिए।
भुट्टा खाइये सेहतमंद रहिए
1. इन्हें खाने से दांत मजबूत होते हैं।
2. भुट्टे खाने के बाद जो भुट्टे का भाग बचता है उसे फेंकें नहीं बल्कि उसे बीच से तोड़ लें और उसे सूंघें। इससे जुकाम में बड़ा फायदा मिलता है। इसके बाद बचे हुए भाग को आप या तो जानवर को दे सकते हैं या उन्हें सूखाने के बाद जलाकर राख बना कर रख लें। जानकारों के अनुसार सांस के रोगों में यह बड़ा कारगर इलाज है। इस राख को प्रतिदिन गुनगुने पानी के साथ फांकने से खांसी का इलाज होता है। कैसी भी खांसी हो यह चूर्ण लाभ देता ही है। यहां तक कि कुकर खांसी में भी बड़ी राहत मिलती है।
3. आयुर्वेद के अनुसार भुट्टा तृप्तिदायक, वातकारक, कफ, पित्तनाशक, मधुर और रुचि उत्पादक अनाज है। इसकी खासियत यह है कि पकाने के बाद इसकी पौष्टिकता और बढ़ जाती है। पके हुए भुट्टे में पाया जाने वाला कैरोटीनायड विटामिन-ए का अच्छा स्रोत होता है।
4. बच्चों के विकास के लिए भुट्टा बहुत फायदेमंद माना जाता है। ताजे दूधिया (जो कि पूरी तरह से पका न हो) मक्का के दाने पीसकर एक खाली शीशी में भरकर उसे धूप में रखिए। जब उसका दूध (जो पीसने के दौरान निकला)सूख कर उड़ जाए और शीशी में केवल तेल रह जाए तो उसे छान लीजिए। इस तेल को बच्चों के पैरों में मालिश कीजिए। इससे बच्चों के पैर मजबूत होते हैं और बच्चे जल्दी चलने लगते हैं।
5. इसके अलावा भुट्टे में मिनरल्स और विटामिन काफी मात्रा में पाए जाते हैं। भुट्टे को कोलेस्ट्रॉल फाइटर माना जाता है, जो दिल के मरीजों के लिए बहुत अच्छा है। वहीं भुट्टे को पकाने के बाद उसके 50 प्रतिशत एंटी-ऑक्सीअडेंट्स बढ़ जाते हैं। यह बढती उम्र को रोकता है और कैंसर से लडऩे में मदद करता है। पके हुए भुट्टे में फोलिक एसिड होता है जो कि कैंसर जैसी बीमारी में लडऩे में बहुत मददगार होता है।
6. भुट्टा दिल की बीमारी को भी दूर करने में सहायक है क्योंकि इसमें विटामिन सी, कैरोटिनॉइड और बायोफ्लेवनॉइड पाया जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढऩे से बचाता है और शरीर में खून के प्रवाह को भी बढ़ाता है। वहीं जानकारों के मुताबिक इस तेल को पीने से शरीर शक्तिशाली होता है। हर रोज एक चम्मच तेल को चीनी के बने शर्बत में मिलाकर पीने से बल बढ़ता है। ताजा भुट्टे को पानी में उबालकर उस पानी को छानकर मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन व गुर्दों की कमजोरी समाप्त हो जाती है।
7. खुजली के लिए भी भुट्टे का स्टॉर्च प्रयोग किया जाता है। वहीं इसके सौंदर्य लाभ भी कुछ कम नहीं है। इसके स्टार्च के प्रयोग से त्वचा खूबसूरत और चिकनी बन जाती है। इसके अलावा भुट्टे के पीले दानों में बहुत सारा मैगनीशियम, आयरन, कॉपर और फॉस्फोरस पाया जाता है, इससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। एनीमिया को दूर करने के लिए भुट्टा खाना चाहिए क्योंकि इसमें विटामिन बी और फोलिक एसिड होता है।
8. टीबी के मरीजों के लिए भी मक्का बहुत फायदेमंद है। टीबी के मरीजों को या जिन्हें टीबी होने की आशंका हो उन्हें हर रोज मक्के की रोटी खाना चाहिए। इससे टीबी के इलाज में फायदा होगा।
9. मक्के के बाल (सिल्क) का उपयोग पथरी रोगों की चिकित्सा में भी होता है। पथरी से बचाव के लिए रात भर सिल्क को पानी मे भिगोकर सुबह सिल्क हटाकर पानी पीने से लाभ होता है। पथरी के उपचार में सिल्क को पानी में उबालकर बनाये गये काढ़े का प्रयोग होता है।
10. यदि गेहूं के आटे के स्थान पर मक्के के आटे का प्रयोग करें तो यह लीवर के लिए अधिक लाभकारी है। यह प्रचूर मात्रा में रेशे से भरा हुआ है, इसलिए इसे खाने से पेट अच्छा रहता है। इससे कब्ज, बवासीर और पेट के कैंसर के होने की संभावना दूर होती है।
11. इसका सेवन प्रेगनेंसी में भी बहुत लाभदायक होता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को इसे अपने आहार में जरुर शामिल करना चाहिए। क्योंकि इसमें इसमें फोलिक एसिड पाया जाता है जो गर्भवती के लिए बेहद जरूरी है।