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ग्वालियर

देश में 500 व 1000 के नोट बंद, जानिये क्या है पब्लिक की राय?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार आधी रात से 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों के प्रचलन को समाप्त करने की घोषणा की। इसके बाद जहां कुछ लोग मोदी के इस कदम कमी सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे परेशानी वाला कदम बताते हुए इस कार्रवाई को पूरी तरह से गलत ठहरा रहे हैं।

ग्वालियरNov 09, 2016 / 12:15 am

rishi jaiswal

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ग्वालियर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसले का एलान किया है। जिसके बाद मंगलवार की आधी रात से 500 और 1000 रुपये का नोट कानूनी नहीं रह जाएगा, या यूं कहें एक तरह से जाली हो जाएगा। वहीं तकनीकि शब्दों में यह लीगल टेंडर नहीं रह जाएगा। प्रधानमंत्री के शब्दों के अनुसार अब 500 और 1000 के नोट अमान्य हो जाएंगे, जबकि बाकी सभी मुद्राएं मान्य रहेंगी।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार आधी रात से 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों के प्रचलन को समाप्त करने की घोषणा की। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि 1000 रुपये और 500 रुपये के नोट कागज के टुकड़े भर रह जाएंगे और उनका कोई मूल्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि लोग 10 नवंबर से 30 दिसंबर, 2016 तक अपने-अपने बैंकों में 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोट जमा करा सकेंगे।

प्रधानमंत्री के इस फैसले के बाद पूरे देश में एक तरह की सनसनी फैल गई, एक ओर जहां कुछ लोग इसे अच्छा कदम बताते हुए काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक बता रहे हैं। वहीं दूसरी और कई लोग इससे होने वाली परेशानियों को गिनाकर इस कदम को गलत बता रहे हैं।

जानिये क्या है जनता की राय

यह फैसला कई मायनों में उचित है, दरअसल इससे एक ओर जहां काले धन पर लगाम लगेगी। वहीं देश को भी आर्थिक दृष्टि से पूरा लाभ मिलेगा।
– अजय सक्सेना, निजी व्यवसायी

सरकार का यह कदम उचित तो है। उप्र का चुनाव भी आने वाला है, ऐसे में चुनाव में अवैध पैसा के बहाव पर इससे रोक लगने की संभावना है। 
– धर्मेंद्र शर्मा, एडवोकेट हाईकोर्ट ग्वालियर

यह तो मोदी की अब देश में ही काले पैसे के विरुद्ध सर्जिकल स्ट्राइक है। पहले कहा था टैक्स जमा कर दो, समय सीमा भी दी थी पर जब लोग सुधरना ही नहीं चाहते तो काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक जरूरी हो गई। हां इससे लोगों को कुछ परेशानी जरूर होगी, लेकिन देश के लिए इतना तो सहना ही पड़ेगा।
– सारिका शर्मा, डायरेक्टर नरोला बिवरेजेज

यह निर्णय किसी भी तरह से उचित नहीं माना जा सकता, क्योंकि इससे एक ओर जहां मार्किंट पूरी तरह से डंप होगा। वहीं लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
– अजय सिंह, दुकान संचालक

यह फैसला इस समय दुर्भाग्यपुर्ण है, उचित होता इसके लिए थोड़ा समय दिया जाता। अब आधी रात से अचानक यह नोट जाली हो जाएंगे, इससे जिनके पास अभी बड़े नोट ही हैं वे जरूरत पडऩे पर भी अपनी काम की चीजों को नहीं ले पाएंगे।
– सीमा श्रीवास्तव, गृहणी


सही समय पर सही निर्णय, मोदी द्वारा अचानक इस प्रकार का निर्णय लेकर पूरे देश को चौंका दिया गया है। लेकिन यह देश की समृद्धि के लिए जरूरी हो गया था। मेरी नजर में यह एक अच्छी पहल है।
– रीता शर्मा, एडवोकेट व प्रोफेसर

अचानक आया फैसला लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर देगा, एक ओर अब जहां बैंकों में लंबी-लंबी कतारें लग जाएंगी, वहीं लोग भी छोटे नोट कम होने के कारण परेशान होते दिखेंगे।
– संध्या सिंह, गृहणी

निर्णय तो सही है लेकिन अचानक लिया गया इस कारण परेशानी बढेगी ही, दरअसल वैसे ही बाजार न के बराबर चल रहा है। उसमें अब अचानक नोट बंद कर दिए गए हैं तो मार्किट और गिरेगा इससे हम जैसे व्यवसायी ज्यादा परेशान होंगे।
– राहुल सचदेव, साईं प्रिर्टिग

ये कैसा निर्णय हुआ कि अचानक करेंसी बेन कर दी, इससे परेशानियां ही बढ़ेंगी सरकार को सोचना चाहिए था। मुझे लगता है सरकार ने पूरा होमवर्क नहीं किया। एक ओर पीएम स्वयं को प्रमुख लोक सेवक बताते हैं दूसरी ओर जनता को इतनी बड़ी समस्या के भंवर में खड़ा कर देते हैं, यह तो सरासर गलत ही है।
– ब्रजेश दोहरे, निजी व्यवसायी

इससे ब्लैक मनी पूरी तरह से बेअसर हो जाएगी। आम आदमी के पास इतना पैसा नहीं है, जिससे उसे परेशान होना पड़े, लेकिन जिनके पास करोड़ों रुपए ब्लैक मनी है उनका पैसा सिर्फ रद्दी बनकर रह जाएगा।
– मुकेश गोयल, कॉपी किताब व्यवसायी

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