ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी ने बीएड कॉलेजों पर अपना शिकंजा जारी रखा है। मंगलवार को आयोजित स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला ने कहा जब तक कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट नहीं आएगी, किसी भी बीएड कॉलेज को एफिलेशन नहीं दिया जाएगा। निरीक्षण कमेटी को तीन वर्किंग डे में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए ।
इस निरीक्षण कमेटी में पूर्व डीसीडीसी प्रो.डीएन गोस्वामी, डॉ.हेमंत शर्मा और डॉ.एसडी सिसौदिया को शामिल किया गया था, लेकिन इस टीम ने करीब 10 माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी कॉलेजों का निरीक्षण नहीं किया। इस निरीक्षण में कॉलेजों द्वारा परिनियम 20/17 के तहत की गई नियुक्तियों की सत्यता की जांच करनी थी।
कोर्स सरेंडर करेंगे दर्जनों कॉलेज
बैठक में जेबी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल ने बीबीए, शा.कॉलेज मोहना ने राजनीति शास्त्र, एमकॉम आरएनएस कॉलेज सिथौली ने बीपीएड, डी भारती कॉलेज ने बीबीए, बोस्टन कॉलेज ने बीबीए, एमएएम, एमएससी बायोटेक, जेबी कॉलेज जौरा ने बीसीए, बीबीए, जैन कॉलेज मुरैना ने बीए अर्थशास्त्र, बीजो कॉलेज ने बीएड कोर्स सरेंडर करने के लिए आवेदन दिया है।
कोर्ट के फैसले पर निर्णय
जेयू ने छह बीएड कॉलेज कस्तूरी देवी एजु.कॉलेज, अशोका डीएड कॉलेज, केएम कॉलेज शिवपुरी, लॉर्ड कॉलेज अकोड़ा, पीतांबरा कॉलेज ऑफ एजुकेशन दतिया, तिरुपति कॉलेज मैनेजमेंट ऑफ साइंस के मामले में कोर्ट के फैसले को आधार बनाकर संबद्धता जारी करने का निर्णय लिया गया है।
“सभी 22 बीएड कॉलेजों का गठित सत्यापन कमेटी भौतिक सत्यापन करेगी, तभी एफिलेशन मिलेगा। इस मामले में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
प्रो.डीडी अग्रवाल, डीसीडीसी, जेयू
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