देवेन्द्र शर्मा @ ग्वालियर
शहर के साइंस कॉलेज में नियमों की अनदेखी कर प्रशासन ने कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट में 25 की जगह 200 फीसदी सीटें बढ़ा दीं। खास बात यह है कि सीटें बढ़ाने के बाद शासन व जीवाजी यूनिवर्सिटी को इसकी जानकारी तक नहीं दी। जबकि पिछले पांच सालों में कैमिस्ट्री में छात्रों के प्रवेश का आंकड़ा तय 200 सीटों में से 170 के आसपास ही रहता है। फिलहाल मामले में अधिकारी का कहना है, अगर गलती हुई है तो उसे सुधारा जाएगा। दरअसल, शासन ने 7 जून के आदेश में स्पष्ट किया है कि जिन कॉलेजों में सीट संख्या तय नहीं है, वे परंपरागत कोर्सों में 25 फीसदी व स्ववित्तीय कोर्सों में 10 फीसदी सीटों का इजाफा कर सकते हैं। इसकी जानकारी शासन व विवि को देनी होगी, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। अब कॉलेज प्रशासन के पास 13 जून तक का समय है, गलती सुधारने का।
नियमों का सहारा
उच्चशिक्षा विभाग ने 9 मई 2016 को नवीन सत्र 2016-17 के प्रवेश नियमों में कहा था कि जिन कॉलेजों में पाठ्यक्रम की संख्या निर्धारित नहीं है, वे अपने यहां सीट संख्या स्वयं बढ़ा सकेंगे। इसके लिए शासन व विवि से सीट संख्या की अनुमति लेना जरूरी है। इसके बाद 7 जून के आदेश में सीट संख्या स्पष्ट कर दी गई।
यह भी एक कारण
कॉलेज में चर्चा है कि कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट की सीट संख्या इसलिए बढ़ाईं, ताकि आगामी समय में शिक्षकों के स्थानांतरण को रोका जा सके। सूत्रों के अनुसार इस विभाग में 19 शिक्षक थे, बाद में छात्र कम होने पर 6 का स्थानांतरण हो गया। अब 13 शिक्षक बचे हैं। एडमिशन पर्याप्त न होने से उन पर स्थानांतरण का खतरा है।
बिना तैयारी बढ़ाईं सीटें
कॉलेज प्रशासन ने सीट संख्या बढ़ाते समय यह ध्यान नहीं दिया कि क्या उसके पास 400 अतिरिक्त छात्रों को बैठाने के लिए जगह और पढ़ाने के लिए उचित संख्या में प्रयोगशालाएं हैं? रोचक तथ्य यह है कि सीटें बढऩे का विभाग के हेड से कोई मांग पत्र नहीं लिया गया, ना उसकी जानकारी दी गई।
छात्रों की होती है फजीहत
अधिकारियों के अनुसार सीट संख्या बढ़ाने से छात्र एडमिशन तो ले लेंगे, लेकिन जब वे परीक्षा फॉर्म के लिए आवेदन करेंगे तो उनका परीक्षा फॉर्म रिजेक्ट हो जाएगा। इसके बाद कॉलेज और विवि के तमाम चक्कर लगाने के बाद वे कोर्ट जाएंगे, तब कहीं उनकी सुनवाई होगी। पिछले वर्ष बीसीए में सीट संख्या से ज्यादा एडमिशन पर छात्रों की काफी फजीहत हुई थी।
“साइंस कॉलेज ने कैमिस्ट्री विभाग में किस नियम के तहत 200 प्रतिशत सीटें बढ़ाई हैं, इसकी जानकारी तो प्राचार्य ही दे सकेंगे। फिलहाल हमारे पास सीट संख्या बढ़ाने का कोई आवेदन नहीं आया है। जेयू निर्धारित सीटों पर एडमिशन लेने वाले छात्रों की परीक्षा कराएगी, अन्य की नहीं।”
– प्रो. डीडी अग्रवाल, डीसीडीसी, जेयू
“मैंने शासन का नया नियम नहीं देखा है, अगर उसमें सीट संख्या 25 प्रतिशत बढ़ाने के आदेश हैं तो हम उसका पालन करेंगे। मैं इस मामले को सोमवार को दिखवाता हूं। अगर गलती हुई है तो उसे सुधारा जाएगा।”
– डॉ. बीपीएस यादव, प्राचार्य, साइंस कॉलेज