गणेश चतुर्थी: शुभ मुहूर्त में करें पूजा, होंगी सभी मनोकामना पूर्ण
सोमवार 5 सितंबर को देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा,
नई दिल्ली। सोमवार 5 सितंबर को देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा और इसको लेकर देशभर में तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसीलिए संकट हरण विघ्नहर्ता के जन्मदिन के उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। गणेश चतुर्थी का उत्सव 10 दिनों तक चलता है जो चतुर्थी के दिन शुरू होकर अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था इसीलिए मध्याह्न के समय को ही गणेशजी की पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। मध्याह्न मुहूर्त में, भक्त-लोग पूरे विधि-विधान से गणेश पूजा करते हैं जिसे षोडशोपचार गणपति पूजा के नाम से जाना जाता है।
इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 5 सितंबर सोमवार को मनाया जाएगा। वैसे तो चतुर्थी तिथि 4 सितंबर को शाम 6 बजकर 54 मिनट से ही शुरू हो रही है जो 5 सितंबर को रात 9 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी। लेकिन सूर्योदय से तिथि का मान होने के कारण गणेश चतुर्थी 5 सितंबर को मनायी जाएगी। पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो 5 सितंबर को दिन में 11 बजकर 10 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक गणेश पूजा का समय सबसे शुभ है।
चन्द्र-दर्शन वर्जित
गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्र-दर्शन वर्जित होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चांद को देखने से मिथ्या दोष लगता है जिसकी वजह से देखने वाले को चोरी का झूठा आरोप सहना पड़ता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश ने चन्द्र देव को श्राप दिया था कि जो व्यक्ति भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चन्द्र के दर्शन करेगा वह मिथ्या दोष से अभिशापित होगा और समाज में चोरी के झूठे आरोप से कलंकित होगा।
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