scriptरेलवे कर्मियों की नई तकनीक : सिर्फ चार घंटे में इंजन होगा दुरुस्त | Durg : In just four hours, engine repair | Patrika News
दुर्ग

रेलवे कर्मियों की नई तकनीक : सिर्फ चार घंटे में इंजन होगा दुरुस्त

इलेक्ट्रिक लोको (इंजन) में खराबी आने पर उसे अब महज 4 घंटे में 3 कर्मचारियों की मदद से सुधारा जा सकेगा

दुर्गDec 07, 2015 / 11:12 am

चंदू निर्मलकर

railway worker

railway worker

दुर्ग. इलेक्ट्रिक लोको (इंजन) में खराबी आने पर उसे अब महज 4 घंटे में 3 कर्मचारियों की मदद से सुधारा जा सकेगा। ऐसा यहां रेलवे इलेक्ट्रिक लोको शेड, बीएमवाय चरोदा के कर्मचारियों द्वारा तैयार की गई नई तकनीक से संभव होगा। इसके पहले इसी काम के लिए इंजन को दो ओवरहैड क्रेन से उठाकर 6 ट्रैक्शन मोटर के कनेक्शन को हटाना पड़ता था। करीब 24 से 28 घंटे का समय और 12 से 16 कर्मचारीलगते थे।

यूनिवर्सल ड्रॉप पिट टेबल नाम से तैयार तकनीक का इस्तेमाल देशभर में स्थित लोको शेड में किया जा सकेगा। रविवार को इस लोकोशेड का लोकार्पण विद्युत रेलवे बोर्ड नई दिल्ली के सदस्य नवीन टंडन ने किया। यहां मधुकर मेश्राम, मुख्य विद्युत इंजीनियर, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे व राहुल गौतम, मंडल रेल प्रबंधक, रायपुर मौजूद थे। टीम को रेलवे ने 40 हजार पुरस्कार देने की घोषणा की है।

ये रहे कर्ता-धर्ता
इलेक्ट्रिक लोको शेड, चरोदा, के डेवलपमेंट एंड डिजाइन सेक्शन (डीएण्डडी) के तत्कालीन सीनियर डीई एसके शुक्ला ने करीब ६ साल पहले इस काम को शुरू करवाया था। सीनियर सेक्शन इंजीनियर श्रीनिवास राव, जूनियर इंजीनियर जितेन्द्र कुमार, सीनियर सेक्शन इंजीनियर एएस यादव के देखरेख में इस तकनीक को 12 कर्मचारियों के सहयोग से तैयार किया गया।

यहां होगा उपयोग
नई तकनीक का उपयोग रेलवे के उन लोकोशेड में करेगा, जहां इंजन की मरम्मत होती है। रेलवे इस तकनीक का अब काजीपेट, कानपुर, गाजियाबाद, लुधियाना, बंडामुंडा, विशाखापट्टनम, टाटानगर व अग्नी (महाराष्ट्र) समेत अन्य लोकोशेड में उपयोग कर सकेगा।

इलेक्ट्रिक शेड भिलाई को नई तकनीक के लिए रेलवे की ओर से 50 हजार पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
राहुल गौतम, डीआरएम

Hindi News / Durg / रेलवे कर्मियों की नई तकनीक : सिर्फ चार घंटे में इंजन होगा दुरुस्त

ट्रेंडिंग वीडियो