स्टीव का कहना है कि बर्फ पर बने ये निशान बालू के भी नहीं हो सकते क्योंकि वो दो पैरों से चलता है और इतना भारी होता है कि एक के बाद एक पैर के निशान नहीं छोड़ सकता है। स्टीव का कहना है कि येती के पैरों के निशानों का यह रास्ता भूटान में सबसे ऊंचे पहाड़ गंगखार पुनसुम में देखा गया था।
66 वर्षीय बैरी दक्षिण ग्लूस्टरशायर में बैडमिंटन के पास रहते हैं। उनका दावा है कि उन्होंने 17800 फीट पर इस जगह खड़े होकर इन निशानों को अपनी आंखों से देखा है। बैरी का कहना है कि एक याक हर्डर ने उन्हें बताया कि उसने भी 11 साल पहले येती को देखा था। वह उससे 100 यार्ड की दूरी पर था और उसे देख रहा था। वह भूरे लंबे बालों से ढंका था और उसका चेहरा किसी डॉग की तरह ढंका हुआ था। उसकी लंबाई इंसानों की तरह थी। हालांकि बैरी, उनके गाइड और भूटान के शाही परिवार ने इस क्रिएचर में अपनी रुचि जाहिर की है।