चंडीगढ: पंजाब के मोगा में अन्तरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट में नाम रोशन करने वाली हरमनप्रीत कौर के परिवार में रविवार को इंग्लैंड के लाडर्स मैदान पर चल रहे महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल मैच का सीधा प्रसारण देखते हुए
खुशी का माहौल था, लेकिन हरमन के पिता को एक शिकवा था कि होनहार महिला क्रिकेटर को रोजगार देने के मामले में पंजाब की अकाली सरकार ने बड़ी अनदेखी की थी।
रेलवे बोर्ड ने किया पदोन्नति का फैसला
मैच देखने के दौरान ही हरमन के पिता हरमिंदर सिंह को समाचार मिला कि मुंबई रेलवे बोर्ड ने हरमन को पदोन्नति देने का फैसला किया है। इसके साथ ही उन्हें याद आया कि वर्ष 2008 में पहली बार महिला वर्ल्ड कप क्रिकेट में भागीदारी करने पर हरमनप्रीत अपने गृह राज्य पंजाब में रोजगार हासिल नहीं कर पाई थी।
हरमन के पिता ने अकाली सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप
मोगा में हरमिंदर सिंह ने पत्रकारों को बताया कि उस समय हम हरमन को रोजगार देने के लिए कई बार मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व उपमुख्यमंत्री सुखवीर बादल से चंडीगढ़ व दिल्ली में मिले थे लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। चार साल पहले हरमनप्रीत को पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल ने नौकरी दी। रेलवे की एक महिला चयनकर्ता ने हरमनप्रीत की खेल प्रतिभा को पहचाना और उसका चयन किया। अभी तक हरमन रेलवे में मुख्य कार्यालय अधीक्षक के पद पर हैं।
ओवरऐज होने के बाद रेलवे में मिली नियुक्ति
सरकारी नौकरी की उम्र सीमा पार करने से कुछ दिन पहले ही हरमन को रेलवे में नियुक्ति मिली। यदि रेलवे में नौकरी नहीं मिलती, तो ईश्वर ही जानता है कि उसके क्रिकेट कैरियर का क्या होता। अपने एक भाई और एक बहन के बीच सबसे बड़ी हरमनप्रीत कौर को अपने गृह राज्य पंजाब में महिला क्रिकेटर के बतौर कैरियर बनाने में कोई मदद नहीं मिली।
बिना सुविधाओं के मनवाया लोहा
गृह नगर मोगा में भी महिला क्रिकेटर को आगे बढ़ने में कोई सहायक सुविधाएं नहीं थीं। ऐसी दशा में भी हरमनप्रीत कौर ने अपना लोहा मनवाया है।
Hindi News / Sports / Cricket News / पंजाब सीएम ने दिया हरमनप्रीत को पंजाब पुलिस में डीएसपी का प्रस्ताव