मुंबई। मुंबई के 15 साल के प्रणव धनावड़े ने मंगलवार को क्रिकेट इतिहास के सभी रिकार्ड तोड़ते हुए अंतर-स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान नाबाद 1009 रन की ऐतिहासिक पारी खेली और इसी के साथ वह विश्व क्रिकेट में किसी भी प्रारुप में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। प्रणव की इस पारी के बाद उन्हें भारतीय क्रिकेट का उभरता हुआ नया सचिन तेंदुलकर करार दिया जा रहा है। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित एच टी भंडारी कप अंतर-स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट में के सी गांधी स्कूल (कल्याण) की तरफ से खेलते हुए प्रणव ने नाबाद 1009 रन बनाए जिसकी बदौलत उनकी टीम ने तीन विकेट पर 1465 रन का विशाल स्कोर बनाकर अपनी पारी घोषित कर दी।
बांउड्री से बटोरे कुल 870 रन
क्रिकेट में रिकार्डों के बेताज बादशाह सचिन को अपना आदर्श मानने वाले प्रणव ने अपनी इस ऐतिहासिक पारी में 327 गेंदों में 129 चौके और 59 छक्के लगाए। प्रणव ने चौकों से 516 रन और छक्कों से 354 रन बटोरे। उन्होंने मैच में बाउंड्री से ही कुल 870 रन अपने खाते में जोड़े। प्रणव ने मंगलवार को नाबाद 652 रन से आगे खेलना शुरु किया था।
117 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा
मुंबई के ऑटो चालक के 15 वर्षीय पुत्र प्रणव ने क्रिकेट इतिहास के किसी भी प्रारुप में सर्वाधिक निजी रन बनाने का 117 वर्ष पुराना रिकार्ड तोड़ दिया। इससे पहले सर्वाधिक रनों का रिकार्ड इंग्लैंड के आर्थर कोलिन्स के नाम था जिन्होंने 1899 में नाबाद 628 रन की पारी खेली थी। इसके साथ ही प्रणव ने भारत में भी क्रिकेट के किसी प्रारुप में सबसे अधिक रन बनाने का रिकार्ड अपने नाम कर लिया।
पृथ्वी शॉ के 546 रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा
प्रणव ने 2013-14 में रिजवी स्प्रिंगफील्ड हाईस्कूल के पृथ्वी शॉ के 546 रनों के रिकार्ड को सोमवार को ही तोड़ दिया था। प्रणव की ऐतिहासिक पारी की बदौलत उनकी टीम का स्कोर 1465 रन पहुुंचा और यह किसी भी टीम का अब तक का सबसे अधिक स्कोर है। इससे पहले वर्ष 1926 में विक्टोरिया की टीम ने न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ 1107 रन बनाए थे।
मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा रिकॉर्ड बनाउंगा
सोमवार शाम को नाबाद 652 रन बनाने के बाद प्रणव ने कहा था कि उन्होंने भारतीय रिकार्ड बनाने का अपना लक्ष्य रखा था। उसने कहा, मैं हमेशा बड़ा हिटर रहा हूं। जब मैंने शुरुआत की थी, तब मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं ऐसा रिकार्ड बना पाऊंगा। मेरा फोकस कभी ऐसा नहीं था, मैं हमेशा अपना स्वाभाविक खेल खेलना पसंद करता हूं और मेरा लक्ष्य आक्रामक बल्लेबाजी करना रहता है।
मेरे कोच ने कहा खेलते रहो..
प्रणव ने कहा, जब मैंने 300 रन पार किए थे, तो मेरे कोच हरीश शर्मा ने कहा कि खेलते रहो। मैं विश्व रिकार्ड के बारे में तो नहीं जानता था लेकिन मेरे दिमाग में शॉ का 546 रन का भारतीय रिकार्ड था। प्रणव इस पारी के बाद रातों रात सुर्खियों में आ गए हैं और टीवी चैनलों पर उनकी इस पारी की प्रमुखता से चर्चा हो रही है। उनके माता-पिता के इंटरव्यू लिए जा रहे हैं और इस होनहार लड़के को भविष्य का सचिन तेंदुलकर बताया जा रहा है। पहले दिन का खेल समाप्त होने पर प्रणव ने मैनुअल स्कोरबोर्ड पर अपने 652 रन के स्कोर के साथ तस्वीर ङ्क्षखचवाई जहां टीम का स्कोर 956 रन भी दिखाई दे रहा था।
मुंबई के कई युवा ऐसी पारी खेल चुके हैं। 2009 में सरफराज खान ने 439 रन और 2010 में अरमान जाफर ने 498 रनों की पारी खेली थी। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली भी ऐसे ही स्कूली टूर्नामेंट में 664 रनों की भागीदारी कर सुर्खियों में आए थे।
क्रिकेट के मैदान में सबके छक्के छुड़ाने वाला इस छात्र के पिता एक रिक्शा चालक हैं। प्रणव ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो इस तरह की शानदार शुरुआत करेंगे. उन्होंने ये रन आर्य गुरुकुल स्कूल के खिलाफ मैच खेलते हुए बनाए।
कोच मोमिन शेख ने कहा, प्रणव निडर क्रिकेटर है। ओपनर बैट्समैन के अलावा वह एक बेहतरीन विकेटकीपर भी है। उसे अटैकिंग क्रिकेट खेलना काफी पसंद है।