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चंडीगढ़ पंजाब

हरियाणा में नहीं होगा जीएम फसलों का परीक्षण

निजी कंपनियों द्वारा चोरी-छिपे जीएम (जैनरेटिक मोडीफाइड) फसलों का परीक्षण किए जाने की घटना के बाद हरियाणा भी सतर्क

चंडीगढ़ पंजाबDec 08, 2015 / 03:14 pm

युवराज सिंह

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संजीव शर्मा, चंडीगढ़। पड़ोसी राज्य पंजाब में निजी कंपनियों द्वारा चोरी-छिपे जीएम (जैनरेटिक मोडीफाइड) फसलों का परीक्षण् किए जाने की घटना के बाद हरियाणा भी सतर्क हो गया है। हरियाणा सरकार ने साफ कर दिया है कि प्रदेश में जीएम फसलों के परीक्षण की किसी भी सूरत में मंजूरी नहीं दी जाएगी।

हरियाणा व पंजाब में पिछले लंबे समय से जीएम फसलों को लेकर विवाद चल रहा है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठन फसलों के जीएम परीक्षण को मानवता के लिए लाभदायक करार देते हुए लागू करने की मांग उठा रहे हैं। हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार के कार्यकाल प्रदेश के सिरसा व फतेहाबाद जिलों में कथित तौर पर विदेशी कंपनियों द्वारा बैंगन और कपास की फसल का परीक्षण किए जाने का मामला भी प्रकाश में आया था। तत्कालीन सरकार को इसके ठोस प्रमाण नहीं मिलने के कारण कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी थी।

हालही में कुछ किसी संगठनों ने पंजाब के मुख्यमंत्री से मुलाकात करके पंजाब में जीएम फसलों का परीक्षण किए जाने का दावा किया था। पंजाब सरकार को इस बारे में पता नहीं चल सका। जिसके चलते पंजाब में किसी संगठन और सरकार आमने-सामने है। हरियाणा में भी यह बात पिछले कई दिनों से चर्चा में है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की एक कंपनी ने कुछ विदेशी संगठनों के साथ मिलकर हरियाणा में सरसों की फसल का जीएम परीक्षण किए जाने की स्वीकृति मांगी थी।

भारतीय किसान यूनियन के प्रधान गुरनाम सिंह चढुनी के अनुसार जीएम फसलें लोगों के लिए बेहद घातक हैं। कुछ संगठन इन्हें बढ़ावा देने के लिए साजिश के तहत काम कर रहे हैं। यह गंभीर मामला है। सरकार को इस दिशा में ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। उधर कांग्रेस विधायक करण सिंह दलाल ने दावा किया कि प्रदेश सरकार की अनदेखी के चलते हरियाणा में जीएम फसलों का परीक्षण किए जाने की तैयारी चल रही है। हरियाणा के कृषि मंत्री ओ.पी.धनखड़ ने कांग्रेस के इन दावों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि अभी तक किसी भी कंपनी ने सरसों की फसल के जीएम परीक्षण हेतु स्वीकृति नहीं मांगी है। सरकार के पास ऐसा कोई भी आवेदन नहीं आया है।

क्या है फसलों का जीएम परीक्षण
हरियाणा व पंजाब में लंबे समय से फसलों के जीएम परीक्षण का मुद्दा छाया हुआ है। कुछ विदेशी कंपनियों ने बैंगन की सब्जी पर सफल जीएम परीक्षण भी किया था। इसके तहत फसल की कुदरती पैदावार को अपने तरीके से संशोधित करके पैदा किया जाता है। सामान्य तौर पर अगर कहा जाए तो जीएम फसलों का परीक्षण होने से न केवल उत्पादन अधिक मिलता है बल्कि गर्मी के मौसम की सब्जियां सर्दी में और सर्दी के मौसम की सब्जियां गरमी में भी आसानी से और संशोधित तरीके से मिल जाती हैं।

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