नयी दिल्ली। सरकार कॉर्पोरेट करों में दी जाने वाली छूटों को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने पर विचार कर रही है। सरकार कर की दर अगले चार साल में घटाकर 25 प्रतिशत पर लाने का खाका अगले महीने पेश करेगी। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बताया कि, “कर छूट को चरणबद्ध ढंग से खत्म करने का खाका जल्दी ही पेश किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि, “इसे आना चाहिए”। यह पूछने पर कि क्या सरकार ने वोडाफोन मामले को अदालत से बाहर निपटाने का विकल्प खुला रखा है, सचिव ने कहा कि, “उन्होंने मध्यस्थता की मांग की है और हमने इस पर जवाब दिया है। यदि अदालत से बाहर निपटाने की पेशकश होती है तो सरकार इस पर विचार करेगी।”
गौरतलब है कि भारत का ब्रिटेन की दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वोडाफोन के साथ 20,000 करोड़ रुपये का कर विवाद चल रहा है। मूल कर मांग हालांकि, 7,990 करोड़ रुपये थी उसपर ब्याज एवं जुर्माना समेत कुल बकाया बढकर 20,000 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में कहा था कि भारत में कार्पोरेट कर की 30 प्रतिशत मूल दर अन्य प्रमुख एशियाई अर्थव्यवस्थाओं से अधिक है जिससे घरेलू उद्योग गैर-प्रतिस्पर्धी हो जाता है। कार्पोरेट कर की इस दर को अगले चार साल में घटाकर 25 प्रतिशत पर लाया जायेगा।
सरकार ने जून 2014 में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर सी लाहौटी को कर वोडाफोन कर विवाद मामले में मध्यस्थ नियुक्त किया था लेकिन मई 2015 में उन्होंने इस मामले से अपने-आपको अलग कर लिया. वोडाफोन ने अपनी तरफ से मध्यस्थ के तौर पर कनाडा के येव्स फोर्टियर का नाम सुझाया है. भारत द्वारा अपने ओर से मध्यस्थ के मनोनयन को अंतिम रुप देने के बाद दोनों मध्यस्थ एक निष्पक्ष न्यायाधीश की तलाश करेंगे और तभी मध्यस्थता प्रक्रिया शुरू होगी।
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