रिटेल में FDI पर मोदी सरकार पलटी, जारी रहेगा 51 फीसदी निवेश
यूपीए सरकार ने सितम्बर 2012 में मल्टीब्रांड रिटेल में 51 फीसदी हिस्सेदारी के साथ FDI का रास्ता खोला था


नई दिल्ली। मल्टीब्रांड रिटेल में विदेशी निवेश के मुद्दे पर केन्द्र की एनडीए सरकार ने यू-टर्न लेते हुए पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के 51 प्रतिशत एफडीआई के फैसले को बरकरार रखा है। यूपीए सरकार ने सितम्बर 2012 में मल्टीब्रांड रिटेल में 51 फीसदी हिस्सेदारी के साथ एफडीआई का रास्ता खोला था। उस समय भाजपा ने इसका विरोध किया था। साथ ही पिछले साल पार्टी की ओर से लोकसभा चुनावों के लिए जारी घोषणा पत्र में भी इसका विरोध जताया था।
मंगलवार को एफडीआई पर जारी दस्तावेज में इसका जिक्र किया गया है। इसमें एफडीआई को लेकर पिछले एक साल में किए गए बदलावों और बरकरार रखे गए फैसलों की जानकारी दी गई है। इसमें रक्षा और बीमा क्षेत्र में एफडीआई में किए गए बदलाव भी शामिल है। इन दोनों क्षेत्रों में एफडीआई सीमा 26 से बढ़ाकर 49 फीसदी की गई है। इस दस्तावेज को जारी करने के दौरान औद्योगिक नीति विभाग के सचिव अमिताभ कांत ने कहा था कि पिछले आठ-नौ महीनों में हमने भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को खोल दिया है। आज भारत दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्था है।
सरकार ने इसके अलावा रेलवे में 100 फीसदी विदेशी निवेश को भी मंजूरी दी है। इसके तहत उपनगरीय क्षेत्र में रेलवे में निर्माण, संचालन और रख-रखाव में 100 फीसदी विदेशी निवेश किया जा सकता है।
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