नई दिल्ली। 1 जुलाई को
GST लागू होने के बाद अभी भी लोगो में कई तरह के कन्फ्यूजन दिखाई दे रहे है। उपभोक्ता मामले के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा की अगर कोई भी दुकानदार अपने पुराने उत्पाद पर जीएसटी लागू होने के बाद की दरें प्रकाशित नहीं करता तो उन्हें एक लाख के जुर्माने के साथ ही जेल की सज़ा भी काटनी पड़ सकती है। 30 सितम्बर तक सभी विनिर्माताओं को अपने पुराने उत्पाद निकालने की अवधि दी गयी है। लेकिन इन सभी उत्पाद पर जीएसटी के बाद लागू दरों को प्रकाशित करना अनिवार्य होगा।
पासवान ने संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कहा की, “जीएसटी के लागू होने के बाद कुछ शुरूआती खामियां थी लेकिन अब इसे दूर कर दिया गया है। हमने कंपनियों को बचे हुए उत्पाद पर संशोधित एमआरपी को लेकर स्टीकर लगाने को बोला गया है। इससे ग्राहकों को जीएसटी के बाद में बदले हुए दरों के बारे में पता चलेगा। जीएसटी लागू होने के बाद कुछ वस्तुओं के दाम बढ़े है तो वही कुछ के दाम घटे भी है “
उन्होंने ये भी कहा है की, अगर कोई पुराने उत्पाद पर संशोधित मूल्य नहीं प्रकाशित करता तो इस मामले को पैकेट बंद उत्पाद नियम का उलंघन माना जायेगा और ऐसा करने वाले के खिलाफ कड़ी करवाई किया जाएगा। इसके लिए पहली बार 25,000 रुपये, दूसरी बार 50,000 रुपये तथा तीसरी बार एक लाख तक का जुर्माना लगाया जायेगा और साथ में एक साल का जेल ही हो सकता है।
जीएसटी लागू होने के दो दिन बाद ही सभी विनिर्माताओं को ये निर्देश दिया गया था से बदली हुई एमआरपी को स्टीकर के जरिये सभी उत्पादों पर प्रकाशित करना अनिवार्य है। तथा साथ ही में दो या उससे अधिक अखबारों के जरिये इस लोगो को इसके बारे में सूचित करना भी जरुरी है।
Hindi News / Business / Economy / GST : पुराने माल पर नयी कीमत छापना अनिवार्य, नहीं सुने तो हो सकती है जेल