नई दिल्ली। वर्ष 2002 के हिट एंड रन मामले में अभिनेता सलमान खान को बरी किए जाने के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की और इसकी अगली सुनवाई 12 फरवरी तक टाल दी है। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार ने सलमान खान पर हाईकोर्ट के फैसले को न्याय का मजाक बताया। सरकार ने कहा कि हाईकोर्ट ने तथ्य नहीं देखें, सलमान खान के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। बता दें कि 2002 के इस मामले में मुंबई की निचली अदालत ने सलमान खान को 5 साल की सजा दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने सलमान के खिलाफ सबूतों को कम मानते हुए उन्हें बरी कर दिया था।
अदालत ने घायलों के बयान को क्यों नहीं मानाः सरकार
महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुए मुकुल रोहतगी ने कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए पूछा कि अदालत ने घायलों के बयान को क्यों नहीं माना। सरकार ने सलमान खान के बचाव पक्ष की ओर से पेश किए गए, किसी और चालक द्वारा गाड़ी चलाए जाने की बात को भी खारिज कर दिया है। सरकार ने कहा कि अदालत के फैसले से इस सवाल का जवाब नहीं मिला है कि घटना के समय गाड़ी आखिरकान कौन चला रहा था। रोहतगी ने कहा कि सलमान खान से शराब पी रखी खी, वह नशे में थे। लैंड क्रूजर चला रहे थे, जिसकी टक्कर से फुटपाथ पर सो रहे व्यक्ति की जान गई। उन्हें पता था कि उन्हें कार नहीं चलानी चाहिए थी।
सलमान ने SC में दायर की कैवियट
इसी मामले में अभिनेता सलमान खान ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैवियट दायर की है। बॉलीवुड सुपरस्टार ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली महाराष्ट्र सरकार की याचिका के बाद यह कदम उठाया है। इस मामले में शीर्ष अदालत की ओर से एक पक्षीय फैसला आने की संभावना से बचने के लिए उन्होंने कैवियट के जरिए पक्षकार बनने की गुहार लगाई थी।
सरकार ने एसएलपी दाखिल कर फैसले को चुनौती दी
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल कर हिट एंड रन मामले में ‘सलमान खान’ को सभी आरोपों से मुक्त करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।
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