जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने नागौर लिफ्ट परियोजना में ढिलाई बरतने को गंभीरता से लेते हुए तय समयावधि में काम पूरा नहीं करने वाली तीन फर्मों पर 17.42 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। राशि भुगतान में से नियमानुसार काटी जाएगी। इन फर्मों में से एक हैदराबाद तथा दो गुडग़ांव की हैं।
यह है योजना
नागौर के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न चरणों में बीकानेर की इंदिरा गांधी नहर का पानी पहुंचाने की सरकार की महत्ती योजना के तहत पहले चरण में नागौर शहर व दूसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्रों के 986 ग्रामों में पेयजल उपलब्ध कराना था। प्रथम चरण में 761 करोड़ रुपए व्यय किए गए।
इसमें नागौर शहर व बासनी कस्बे में मांग के अनुरूप 20 से 22 एमएलडी नहर का पानी पहुंंच गया। हालाकि इसमें 494 में से 84 गांवों पानी पहुंच चुका है। 410 बाकी हैं। दूसरे चरण में 2938 करोड़ रुपए व्यय होंगे इसमें नागौर जिले के कुल 986 गांव लाभान्वित होने हैं। इसमें 494 में से शेष 410 गांवों में पेयजल पहुंचाने के लिए योजना के दूसरे चरण में कार्य होना था। इस कार्य को जुलाई 2015 तक पूरा करने का जिम्मा तीन फर्मों को दिया गया था लेकिन काम की लेटलतीफी के चलते यह कार्य अधूरा है। कार्य के दौरान 115 किलोमीटर तक पाइप लाइन व टंकियों का निर्माण करना था।
इन फर्मों पर जुर्माना 1- राम के कंपनी, हैदराबाद, जुर्माना राशि 612.00 लाखनागौर लिफ्ट परियोजना प्रथम चरण -पैकेज द्वितीय167 ग्राम – खींवसर व नागौर क्षेत्र2- एसपीएमएल फर्म गुडग़ांव, जुर्माना राशि 551.00 लाखनागौर लिफ्ट परियोजना प्रथम चरण, पैकेज तृतीय151 ग्राम मेड़ता, खींंवसर, नागौर क्षेत्र
3- केएसएस पैट्रोन गुडग़ांव, जुर्माना राशि 579 लाख
नागौर लिफ्ट परियोजना प्रथम चरण, पैकेज चतुर्थ
176 ग्राम मेड़ता व डेगाना क्षेत्र
फर्मों को निर्धारित समयावधि में पाइपलाइन व टंकियों का निर्माण करना था। तय शर्तों के मुताबिक कार्य पूरा नहीं किया गया। जुर्माना लगाया गया जिसे वसूलने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
महेश करल, मुख्य अभियंता, परियोजना जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग , अजमेर
Hindi News / Jaipur / ये तीनों बैठे थे बेखौफ…लगी 17.42 करोड़ की चपत