बोकारो। जिले में जीआरपी ने मानव तस्करी रोकने के लिए एक अभियान चलाकर बंधुआ मजदूरी करने वाले कई बच्चों को आजाद कराया। बीते माह रांची में हुई राज्यस्तरीय कार्यशाला का हवाला देकर कुमार ने लिखा है कि कुछ दलाल किस्म के लोग किशोर-किशोरियों को बहला-फुसला कर ले जाते हैं और उनसे देह व्यापार, मानव अंगों की तस्करी, भिक्षाटन, बंधुआ मजदूरी समेत अन्य अपराध कराते हैं।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रभाकर कुमार ने रेलवे सुरक्षा बल के इंस्पेक्टर और जीआरपी थानेदार को बोकारो से गुजरने वाली हर यात्री ट्रेन की सघन जांच करने को कहा है। बताया कि मानव तस्करी का एक माध्यम रेलवे भी है। स्टेशन से होकर लंबी दूरी की गाड़ियों में भुवनेश्वर, दिल्ली, कोलकाता, असम समेत अन्य यात्री गाड़ियों में जांच की जाए।
अगर कोई संस्था बच्चों को पढ़ाई या अन्य मकसद से बाहर ले जाती है तो उन्हें जिले के बाल कल्याण समिति से एनओसी लेना जरूरी है। ऐसे अपराध में शामिल अपराधियों को चिह्नित कर तुरंत कार्रवाई की जाए। 24 घंटे के अंदर मुक्त कराए गए बच्चों को सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश भी किया जाए।
मजदूरी समेत अन्य अपराध के लिए बच्चों या उनके अभिभावकों की मर्जी से ले जाया जाता है। कानूनी आधार पर बच्चों या अभिभावकों की सहमति की कोई मान्यता नहीं है।
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