जिला कारागार के ओपन कैम्प में आजीवन कारावास सजा काट रहे एक वृद्ध कैदी की शुक्रवार देर रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
मृतक कैदी का रविवार को सामान्य चिकित्सालय में न्यायिक अधिकारी की देखरेख में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। उल्लेखनीय है कि मृतक मुंशी खां अलवर के चर्चित मूसाखेड़ा हत्याकांड का अभियुक्त था।
कोतवाली थाने के उपनिरीक्षक सुरेश कुमार ने बताया कि किशनगढ़बास के मूसाखेड़ा निवासी मुंशी खां (70) पुत्र मल खां हत्या के प्रकरण में अलवर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था।
मुंशी खां परिवार सहित कारागार के ओपन कैम्प में रह रहा था। शुक्रवार रात करीब साढ़े बारह बजे अज्ञात कारणों के चलते अचानक उसकी मौत हो गई। कैदी को रात को ही सामान्य अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसके मृत होने की पुष्टि कर दी।
शनिवार को बाल न्यायालय के मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार जलूथरिया की देखरेख में तीन चिकित्सकों के मेडिकल बोर्ड से मृतक कैदी का पोस्टमार्टम कराया गया।
परिजनों के मुताबिक मृतक मुंशी को एलर्जी की बीमारी थी, जिसका देसी इलाज चल रहा था। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया। विसरा एफएसएल जांच के विधि विज्ञान प्रयोगशाला जयपुर भिजवाया जाएगा।
वर्ष-2007 से सजा काट रहा था
उधर, जेल अधीक्षक ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि मुंशी खां को 21 सितम्बर 2007 को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। वह इससे कुछ समय पहले से अलवर जेल में बंद था।
पिछले करीब एक-डेढ़ साल से मुंशी खां अपने परिवार सहित अलवर जेल के ओपन कैम्प में रह रहा था। शुक्रवार रात करीब साढ़े बारह बजे अचानक उसके सीने में दर्द उठा। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
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