अब परिवहन विभाग में बिना पीयूसी प्रमाण पत्र व कांच पर काली फिल्म लगे वाहन प्रवेश नहीं कर सकेंगे। यह नियम लागू करने के साथ ही परिवहन विभाग नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों की पालना करने वाला राजस्थान का पहला सरकारी विभाग बन गया है।
इस व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जोधपुर में जिला परिवहन अधिकारी गणपत पुनड़ को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारी परिवहन कार्यालयों में स्टाफ की ओर से प्रतिदिन लाए जाने वाले वाहनों के पंजीयन क्रंमाक और उनके प्रदूषण जांच प्रमाण पत्रों की वैधता का रिकॉर्ड रखना भी सुनिश्चित करेंगे।
डीटीओ को बनाया नोडल अधिकारी
परिवहन कार्यालय में आने वाले सभी आगन्तुकों, स्टाफ के वाहनों पर प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र उपलब्ध होना अनिवार्य कर दिया है। सरकार का मानना है कि इससे कर्मचारी, अधिकारी और आमजन जागरुक होंगे। विभाग की ओर से प्रतिदिन स्थाई लाइसेंस के लिए विभिन्न श्रेणी के वाहनों पर आवेदकों की ट्रायल ली जाती है। एेसे वाहनों के लिए भी ट्रायल से पूर्व प्रदूषण पत्र वाहन के साथ प्रदर्शित होना जरूरी कर दिया है।
इसलिए किया निर्णय
प्रदेश में बढ़ती वाहनों की संख्या के कारण वाहनजनित प्रदूषण में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 115(7) में प्रत्येक वाहन के लिए पंजीयन दिनॉक से एक वर्ष की अवधि के बाद वैध प्रदूषण प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना अनिवार्य है।
इसके अलावा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी इस सम्बन्ध में महत्वपूर्ण निर्णय हाल में दिया था। इसकी पूरी तरह से पालना नहीं हो रही है और निर्धारित से ज्यादा प्रदूषण फैला रहे वाहन सड़कों पर सरपट दौड़ रहे हैं। इन सब के चलते परिवहन विभाग ने यह पहल की है।
इनका कहना है
परिवहन आयुक्त के निर्देश की पालना में हमने डीटीओ को नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया है। बिना पीयूसी और काली फिल्म चढ़े वाहनों का कार्यालय में प्रवेश प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
-अर्जुन सिंह, आरटीओ
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