भोपाल। फिल्म उड़ता पंजाब पर सेंसर की कैंची चलाने को लेकर चर्चा में रहने वाले सेंट्रल बोर्ड ऑफ सर्टिफिकेशन के अध्यक्ष का पहलाज निहलानी के मुताबिक वे फिल्हाल सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष हैं, ये पोस्ट उन्होंने मांगी नहीं दी है। पोस्ट के अकॉर्डिंग ही जिम्मेदारियों को निभाना उनका कर्तव्य है…उनका कहना है कि क्या हुआ अगर मैंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले उड़ता पंजाब के किसी संवाद से पंजाब शब्द को हटाने की बात कही…
फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को सेंसर बोर्ड ने ए सर्टिफिकेट के सााि पास कर दिया है। इसमें 13 जगह सेंसर बोर्ड की कैंची चली है। हालांकि फिल्म का नाम वही रहेगा। अब बोर्ड के पास से पास होने के बाद कोर्ट के फैसले का इंतजार है।
कई रेफरेंस पहुंचाते हैं ठेस
पहलाज के मुताबिक 5डी सेक्शन 18 के हिसाब से स्टेट के नाम निकालने पड़ते हैं। पंजाब को जिस तरह से फिल्म में पोर्टेट किया जा रहा है, वह गलत है। फिल्म में जिस तरह के रेफरेंस हैं, उनसे भावनाओं को ठेस पहुंचती है।
आखिर क्या गलत कहा
उनका कहना था कि फिल्म में एक संवाद है ‘पंजाब की धरती है बंजर और उसका बेटा है कंजर’ जैसे संवाद को सुनकर किसी को भी अच्छा नहीं लगेगा।
अगर हमने इस संवाद से पंजाब का नाम हटाने को कहा गया तो आखिर क्या गलत किया?
योग्य नहीं तो हटा दीजिए
पहलाज का कहना है कि एनडीए यूपी सरकार के समय में उन्हें सेंसर बोड्र निदेशक का पद दिया गया था। उन्होंने तभी मना किया था। उन्होंने 50 साल सिनेमा को दिए हैं।
उनका कहना था कि उन्होंने वैसे भी ये कुर्सी मांगी नहीं थी। अगर वे इसके लायक नहीं हैं तो पद से हटा दिया जाए।
मेरी फिल्मों को मैंने सेंसर नहीं किया था
उनका कहना है कि उनकी बनाई गई फिल्मों में अश्लीलता की बात पर वे यही कहेंगे कि उस वक्त में बोर्ड के अध्यक्ष नहीं थे। सिर्फ एक निर्माता और निर्देशक थे। उन फिल्मों को उन्होंने सेंसर नहीं किया था। आज वे वही कार्य कर रहे हैं जो उनके पद की गरिमा बनाए रखते हैं।
नए नियमों का करेंगे पालन
उनके कार्यकाल में बोर्ड में 3500 फिल्में पास की गई हैं। जिनमें से 72 फीसी फिल्मों को बिना किसी कटिंग पास किया गया है। यदि सरकार नए नियम जारी करेगी तो वे उनका भी पालन करेंगे।
पार्टी देखकर नहीं, मोदी के व्यक्तित्व से प्रभावित
पहलाज कहते हैं कि उन्होंने हर घर मोदी,घर-घर मोदी वीडियो बनाया था। लेकिन वो वीडियो पार्टी को देखकर नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के उस व्यक्तित्व को ध्यान में रखकर कल्पना मात्र से बनाया था, जिससे मैं उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले से ही प्रभावित था।
मुझे उनके विजन पर पहले से ही भरोसा था। घर-घर मोदी जैसा विजन भोपाल की हिना खान ने लिखा था।
Hindi News / Bhopal / #Udta Punjab: किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचे…इसलिए लगे 13 कट