भोपाल। टेलीकॉम कंपनियां हमें कितनी और किस स्तर की सुविधाएं दे रही हैं इसका सच आखिरकार सामने आ गया है। बात अगर भोपाल की करें तो 3G के नाम पर आज भी 2G की स्पीड दी जा रही है। इसका खुलासा टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई की हाल ही में आई एक रिपोर्ट से हुआ। ट्राई ने भोपाल समेत कई शहरों में इंडीपेंडेंट ड्राइव टेस्ट किया था, जिसमें एयरटेल और वोडाफोन के 2जी नेटवर्क के अलावा सभी टेलीकॉम ऑपरेटर कॉल ड्रॉप बेंचमार्क को पाने में असमर्थ रहे। एयरटेल भी अपने 3 जी नेटवर्क के लिए 2 फीसदी तक कॉल ड्रॉप बेंचमार्क को पूरा करने में असमर्थ रहा। सारी चार टेलीकॉम कंपनियां किसी भी नेटवर्क के बेंचमार्क तक पहुंच पाने में असमर्थ रहीं। दो कंपनियों की कॉल सेटअप सक्सेस दर 95 प्रतिशत के बेंचमार्क से कम रही।
यूं समझें: आपके लिए कितनी जरूरी है ये जानकारी
2 प्रतिशत कॉल ड्रॉप बेंचमार्क का मतलब है कि एक नेटवर्क से की गई सारी कॉल्स में से 2 प्रतिशत से ज्यादा कॉल्स ऑटोमेटिकली ड्राप हो जाना। इंडीपेंडेंट ड्राइव टेस्ट का आयोजन 3 मई से 5 मई के बीच 340 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में शहर की सीमा में ही किया गया था। 3 जी नेटवर्क में, बीएसएनएल का प्रदर्शन 22.17 प्रतिशत कॉल ड्रॉप के साथ सबसे बुरा था। रिलायंस का कॉल ड्रॉप रेट 16.17 प्रतिशत रहा जबकि आइडिया का 14.29 प्रतिशत रहा।
अगर हम बात करें 2जी नेटवर्क की तो कंपनियों में थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया। यहां पर बीएसएनएल का कॉल ड्रॉप दर 12.38 प्रतिशत रहा, रिलायंस का 8.58 प्रतिशत रहा और आइडिया का 9.85 प्रतिशत रहा। रिलायंस सीडीएमए की कॉल ड्रॉप रेट 10.6 प्रतिशत रही। हालांकि, सभी टेलीकॉम कंपनियां 2 जी नेटवर्क में आवाज की गुणवत्ता के बेंचमार्क को पूरा करने में विफल रही।
रिपोर्ट में ये कहा गया है कि ‘कॉल ड्रॉप दर बहुत ही ज्यादा है और इसमें तत्काल सुधार की जरूरत है जिससे कि उचित स्तर की सेवा दी जा सके।’ ट्राई ने ये भी पाया कि एयरटेल, बीएसएनएल और वीडियोकॉन टेलीकॉम रेडियो लिंक मध्यांतर प्रौद्योगिकी का उच्च स्तर पर प्रयोग कर रहे हैं, जो कि कॉल मास्किंग के लिए इस्तेमाल की जाती है। लेकिन उनका कहना है कि हाई पैरामीटर उपभोक्ता के अनुभव को प्रभावित नहीं करेगा।
ट्राई का कहना है कि ‘रेडियो लिंक टाइमआउट यह बताता है कि खराब गुणवत्ता के दौरान कितनी देर तक कॉल बनाई रखी जा सकती है। जितनी ज्यादा रेडियो लिंग टाइमआउट की वेल्यू, उतनी ज्यादा देर तक कॉल बना के रखी जा सकती है। एयरटेल, बीएसएनएल और वीडियोकॉन उच्च आरटीएल वेल्यू को निर्धारित करते है। हालांकि कॉल ड्रॉप दर में आरटीएल का प्रभाव भोपाल में कम है’।
Hindi News / Bhopal / 3G के नाम पर 2G की सर्विस दे रहीं टेलिकॉम कंपनियां, देखें ये FACT