सतेंद्र सिंह भदौरिया@भोपाल. केंद्रीय जेल से फरार हुए प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ आतंकियों के साथ ए ब्लॉक की बी सेल से और आठ आतंकी भागने वाले थे, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। इस सेल में सिमी का मुख्य सरगना अबू फैजल बंद है। जांच में जेल ब्रेक करने की साजिश की परतें खुल रही हैं।
जेल सूत्रों ने बताया कि जिस तरह से आतंकियों ने लकड़ी और टूथपेस्ट की प्लास्टिक से चाबियां बनाई थीं। वह आखिरी वक्त पर धोखा देकर सेल में लगे ताले में टूटकर फंस गईं। करीब आधे घंटे तक मशक्कत करते रहे, लेकिन लॉक खोलने में कामयाब नहीं हो सके। इसके बाद आठों आतंकी बी सेल के साथी आतंकियों को छोड़ फरार हो गए और विशेष ऑपरेशन के तहत अचारपुरा गांव की मडि़याखेड़ी पहाड़ी पर पुलिस और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में आठों आतंकी मारे गए।
प्लानिंग, एक्शन से मिली कामयाबी
जे ल से फरार होने की सूचना मिलते ही पुलिस के अफसर और सिपाही आतंकियों की धर-पकड़ में जुट गए। प्लानिंग, एक्शन और दिशा-निर्देश का नतीजा है कि महज आठ घंटे में आतंकी ढेर कर दिए। प्लानिंग के तह सबसे पहले डीजीपी ने मीटिंग बुलाई। जिसमें पुलिस अफसरों के साथ एटीएस, एसटीएफ, सीटीजी अफसर शामिल हुए। इसके बाद टीम को जेल के आसपास 20 किमी के दायरे में फैला दिया और ग्रामीण इलाकों को घेर लिया। दिशा-निर्देश की भूमिका में एसपी नार्थ अरविंद सक्सेना रहे।
फिर ऐसे घेरा
इनके साथ एसपी साउथ अंशुमान सिंह, एएसपी राजेश सिंह भदौरिया, एएसपी धर्मवीर यादव और क्राइम ब्रांच शैलेन्द्र सिंह चौहान थे। जैसे-जैसे निर्देश मिलते गए, पुलिस फोर्स आगे बढ़ता गया। करीब साढ़े 10 बजे आतंकियों को अचारपुरा गांव में मढि़याखेड़ी पहाड़ी पर घेर लिया।
पल-पल सूचना मुखिया को देते रहे
आईजी योगेश चौधरी और डीआईजी डॉ. रमन सिंह सिकरवार ने अपनी टीम को खुले रूप से निर्णय लेने की छूट दी। डीआईजी ट्रैनिंग का दौरा खत्म कर तड़के उज्जैन से भोपाल पहुंच गए और आईजी के साथ मिलकर प्लानिंग की जानकारी डीजीपी को देते रहे।
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