भोपाल। कालेधन को नकद खरीदारी के जरिए खपाने की कोशिशों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने एक और कदम उठाया है। इसके तहत अगर आपने एक बार में 2 लाख रुपए से अधिक की नकद खरीदारी की या सेवा ली तो दुकानदार को इस लेनदेन की जानकारी सरकार को देनी होगी। इस बारे में शुक्रवार को आयकर विभाग ने नोटिफिकेशन जारी किया है।
यह नियम इस साल के एक अप्रैल को ही आयकर कानून, 1962 के नियम 114 ई के तहत लागू हो चुका था। इसे लेकर कारोबारी व दुकानदारों में पशोपेश की स्थिति थी। लेनदेन की जानकारी से विभाग यह जान सकेगा कि बड़ी खरीदारी करने वाले लोग अपनी मूल आय घोषित कर रहे हैं या नहीं।
कारोबारियों को अब 2 लाख से ज्यादा नकद लेनदेन का रिकॉर्ड रखना होगा। इसके अलावा इस स्थिति में वे अपनी बिक्री को कम करके नहीं दिखा सकेंगे।
बड़े ट्रांजेक्शन्स पर है सरकार की नजर
दरअसल सरकार की नजर सिंगल ट्रांजैक्शन के दौरान दो लाख रुपए के कैश लेनदेन पर है। यदि आप दो लाख रुपए की शॉपिंग कर रहे हैं या किसी सर्विस के लिए कैश भुगतान कर रहे हैं तो इसकी पूरी जानकारी सरकार के पास सीधे पहुंचेगी।
केंद्र सरकार किसी भी तरह ब्लैकमनी पर लगाम लगाना चाहती है। इसीलिए शुक्रवार को मोदी सरकार ने एक और नया नियम लागू किया है। नए नियम के तहत दो लाख रुपए के कैश लेनदेन पर सरकार की नजर है। यदि आप दो लाख रुपए की शॉपिंग कर रहे हैं या किसी सर्विस के लिए कैश भुगतान कर रहे हैं तो इसकी पूरी जानकारी सरकार के पास सीधे पहुंचेगी।
2 लाख से ज्यादा की शॉपिंग की जानकारी देनी होगी
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को यह स्पष्ट किया है कि कारोबारियों और व्यापारियों को वस्तु एवं सेवाओं की बिक्री पर दो लाख रुपए के कैश लेनदेन की जानकारी टैक्स अधिकारियों को देनी होगी।
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इनकम टैक्स नियम, 1962 के तहत नियम 114ई के दिशा-निर्देशों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह स्पष्टीकरण जारी किया है। यह नियम इस साल अप्रैल से लागू हुआ है। सीबीडीटी ने बयान में कहा कि नियम 114 ई के उपनियम के तहत एकीकृत या कुल के नियम को बोर्ड की 6 अक्टूबर, 2016 की अधिसूचना के जरिये संशोधित किया गया है।
इसमें स्पष्ट किया गया है कि वित्तीय लेनदेन का लेखाजोखा (एसएफटी) के तहत रिपोर्टिंग की जरूरत वस्तु एवं सेवाओं की प्रति लेनदेन दो लाख रुपए की नकद प्राप्तियों के लिए है।
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