ज्योतिषियों के मुताबिक पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना गया है। इसे अशुभ और हानिकारक माना जाता है। नक्षत्रों के मिलन से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहते हैं। जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर होता है, तब उस दौरान पड़ने वाले पांच दिनों को पंचक माना जाता है। इसी तरह घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्रों को मिलाकर पंचक कहा जाता है।
ऐसा है पंचक का प्रभाव
– धनिष्ठा नक्षत्र में अग्नि का डर।
– शतभिषा नक्षत्र में कलह का योग।
– पूर्वाभाद्रपद में रोग।
– उतराभाद्रपद में आर्थिक दंड।
– रेवती नक्षत्र में धन हानि।
पंचक में नहीं करने चाहिए ये 5 काम
- -पंचक के दौरान जिस समय घनिष्ठा नक्षत्र हो उस समय घास, लकड़ी आदि ईंधन एकत्रित नही करना चाहिए, इससे अग्नि का भय रहता है।
- – पंचक में दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करें।क्योंकि यह दिशा यम की मानी जाती है। इससे हानि ही उठानी पड़ती है।
- – पंचक के बीच आने वाला रेवती नक्षत्र हो तो उस समय घर की छत नहीं बनाए, ऐसा विद्वान मानते हैं कि इससे इससे धन की हानि और घर में क्लेश हो जाता है।
- – पंचक में घर की चारपाई भी नहीं बनाना चाहिए। विद्वानों का मत है कि ऐसा करने से कोई बड़ा संकट आता है।
- – पंचक के दौरान अंतिम संस्कार नहीं करने की बात भी कही गई है। इससे उस कुटुंब में पांच मृत्यु और होना बताया गया है। लेकिन, अब कुछ पंडितों ने इसके भी तोड़ निकाल लिए हैं।
पंचक में अंतिम संस्कार के यह है नियम
यदि किसी की मृत्यु हो जाती है तो शव के साथ पांच पुतले आटे या कुश (घास) से बनाएं और अर्थी पर रखें और इन पांचों का भी शव की तरह अंतिम संस्कार करें। इससे दोष खत्म हो जाता है। गरुड़ पुराण में भी ऐसा बताया गया है।
क्या पंचक में नहीं हो सकते शुभ कार्य
कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि पंचक में भी शुभ कार्य हो सकते हैं। पंचक में आने वाला उत्तराभाद्रपद नक्षत्र वार के साथ मिलता है और सर्वार्थसिद्धि योग बनाता है। इसके अलावा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र यात्रा, व्यापार, मुंडन आदि शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माने गए हैं।
पंचक में भी होते हैं शुभ कार्य
ज्योतिषियों का यह भी मानना है कि पंचक को भले ही अशुभ माना जाता है, लेकिन इस दौरान सगाई, विवाह आदि शुभ कार्य भी हो सकते हैं। पंचक के दौरान तीन नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद व रेवती रविवार को होने से आनंद आदि 28 योगों में से 3 शुभ योग बनते हैं, जो चर, स्थिर और प्रवर्ध। इन योगों से सफलता और धन प्राप्ति का विचार होता है।
इस साल आने वाले पंचक
24 जून से 29 जून
21 से 26 जुलाई
18 से 22 अगस्त
14 से 18 सितंबर
12 से 16 अक्टूबर
8 से 12 नवंबर
5 से 10 दिसंबर
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