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भोपाल

किसानों की आत्महत्या का कारण कर्ज नहीं, NCRB की रिपोर्ट में दावा

मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या का का बड़ा कारण खेती-किसानी या कर्ज नहीं, बल्कि कुछ और ही है। ये फैक्ट जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान..

भोपालJan 04, 2017 / 05:10 pm

sanjana kumar

farmer death

farmer death

भोपाल। अब तक यही माना जाता रहा है कि किसानों की आत्महत्या का कारण खेती में नुकसान, कर्ज तले दबना ही है। जबकि हकीकत इससे जुदा है। मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या का का बड़ा कारण खेती-किसानी या कर्ज नहीं, बल्कि कुछ और ही है। ये फैक्ट जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान…

* किसानों की आत्महत्या के पुख्ता कारणों का खुलासा किया है नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने। 
* एनसीआरबी की ओर से जारी 2015 की रिपोर्ट बताती है कि बताती है कि 2015 में खेती से जुड़े 1290 लोगों ने जान दी।
* इनमें से असल में किसान केवल 581 लोग ही थे। शेष तो कृषि से जुड़े मजदूर थे।

* मप्र में कर्ज के चलते छह किसानों ने आत्महत्या की है। जो कई राज्यों की तुलना में बेहद कम है। 
* कर्ज के चलते किसानों की आत्महत्या के सबसे ज्यादा 1237 मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं।
* कर्नाटक में 787, तेलंगाना में 384 और पंजाब में 49 किसानों ने आत्महत्या की। 
* गरीबी के चलते आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या मप्र में तीन रही * जबकि दीवालिया घोषित किए जाने पर 13 किसानों ने आत्महत्या की है।
* मप्र में किसानों की आत्महत्या के मामलों में सबसे ज्यादा घरेलू विवाद वजह रहा। 
* घरेलू विवाद के चलते 183 किसानों ने जान दी। इसके अलावा 24 ने वैवाहिक जीवन की परेशानियों के चलते खुदकुशी की। वहीं विवाहेत्तर संबंध भी चार किसानों की खुदखुशी की वजह बनी। 
* दहेज प्रताडऩा के चलते भी छह महिला किसानों ने आत्महत्या की। 
* 47 मामलों में किसानों की आत्महत्या की मूल वजह का पता ही नहीं चल पाया। 
* समाज में इज्जत खोने के डर से भी दो किसानों ने मौत को गले लगाया।

* यही नहीं घरेलू विवाद के बाद आत्महत्या के बड़े कारणों में बीमारी भी एक वजह रही है।
* अपनी बीमारी से तंग आकर 300 से ज्यादा किसानों ने मौत को गले लगाया।
* इनमें 108 ने लंबी बीमारी से त्रस्त होकर जान दी।
* 42 किसानों के खुदकुशी करने का कारण उनकी मानसिक बीमारी थी। 
* यही नहीं नशे और शराब की लत के कारण भी किसानों ने मौत को गले लगाया है। इसके कारण 74 किसानों ने आत्महत्या की है।

* रिपोर्ट के मुताबिक मप्र में फसल न बिकने के चलते आत्महत्या का एक भी मामला सामने नहीं आया। 
* वहीं महाराष्ट्र में फसल न बिकने कारण नुकसान को न झेल पाने के कारण तीन, कर्नाटक में एक मौत हुई। 
* हालांकि फसल ना लग पाने के विभिन्न कारणों से 29 किसानों ने मौत का रास्ता चुना।

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