भोपाल. मध्यप्रदेश में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। यहां शिक्षा विभाग के एक अफसर ने टीचरों की ड्यूटी खुले में शौच जाने से रोकने के लिए लगा दी। फरमान में कहा गया कि खुले में शौच जाने वालों को पहले तो मास्टर समझाइश देंगे, लेकिन यदि इसके बाद भी नहीं माने तो उसकी फोटो मोबाइल से खींचते हुए पंचनामा बनाकर जानकारी देंगे। सतना जिले के उचेहरा विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा इस आदेश की सूचना भोपाल तक पहुंची तो आनन-फानन में आदेश निरस्त कर दिया गया।
प्रदेश और जिला स्तर पर स्वच्छता को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। खुले में शौच न करने और घरों में शौचालय बनाने के लिए भी लोगों को प्रेरित किया गया। इसके बाद भी खुले में शौच की शिकायतें आ रही हैं। सतना जिले के उचेहरा विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी ने ग्राम पंचायत पिपरी कला में टीचरों की ड्यूटी लगा दी कि लोग खुले में शौच पर न जाएं।
आदेश में कहा गया कि ग्राम पंचायत पिपरी कला में पदस्थ शासकीय अधिकारी, कर्मचारी प्ररेक की भूमिका का निर्वहन करते हुए सुबह-शाम ड्यूटी करेंगे। इसके लिए शिक्षकों की सुबह 5 से 7 बजे और शाम को 7 बजे से 8 बजे तक ड्यूटी लगाई गई।
विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के आदेश का शिक्षकों ने ही विरोध शुरू किया। सवाल होने लगे कि ऐसे काम देकर शिक्षा महकमा क्या संदेश देना चाहता है। आला अफसरों के हस्तक्षेप पर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी का आदेश निरस्त कर दिया गया।
इनका कहना है…
स्वच्छता को लेकर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ने अतिउत्साह में आदेश जारी कर दिया था। आदेश निरस्त कर दिया गया है।
– नरेश पाल, कलेक्टर सतना
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