भोपाल। मैटरनिटी लीव को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करने के अहम विधेयक को राज्यसभा की मंजूरी मिलने के बाद MP के CM शिवराज सिंह चौहान ने भी खुशी जाहिर की है। पूरे देश की महिलाओं के साथ मध्यप्रदेश की प्रसूताओं को भी इसका लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस विधेयक के लिए एनडीए सरकार का आभार व्यक्त किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप की सराहना की है।
1. मददगार साबित होगा यह विधेयक
प्रसूता मां और बच्चों को बेहतर जीवन देने के लिए यह मुद्दा बेहद अहम साबित होगा। इस बिल का उद्देश्य ही है कि कार्यबल और कार्मिक बल में महिलाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी। इस संशोधन से देश की 18 लाख महिलाओं को फायदा पहुंचेगा। प्रसूति अवकाश के दौरान महिलाओं को वेतन भी मिलेगा, तीन हजार रुपए का मैटरनिटी बोनस भी मिलेगा।
2.संस्थानों में होगी क्रेच सुविधा
जिन संस्थाओं में 50 या उससे अधिक महिला कर्मचारी हैं। वहां शिशु के लिए क्रेच सुविधा रखनी जरूरी होगी। इसमें कोई भी मां चार बार अपने बच्चे से मिलने के लिए जा सकेगी। ऐसी महिलाओं को कोई कंपनी इस वजह से किसी को नौकरी से नहीं निकाल पाएंगी।
3. जानकारी देनी भी होगा जरूरी
कंपनी की जिम्मेदारी होगी कि नियुक्ति के समय महिला कर्मचारी को इस अधिनियम की जानकारी देगा। जिसमें प्रसूति अवकाश और लाभों के बारे में स्पष्ट उल्लेख होगा।
4. नहीं तो एक साल की सजा
इस कानून के प्रावधानों का जो कंपनी उल्लंघन करेगी उसके नियोक्ता को जुर्माना या एक साल तक की सजा का प्रावधान किया जाएगा।
5.घर से काम करने की व्यवस्था
यदि कोई महिला कर्मचारी का कार्य घर बैठे भी किया जा सकेगा तो नियोक्ता के लिए यह जरूरी होगा कि वह प्रस्तूति अवकाश सुविधा का लाभ प्राप्त करने वाली महिला को घर पर ही दफ्तर का काम करने की अनुमति देगा। जिससे वह अपने बच्चे की बेहतर देखभाल भी कर सके।
6.दो बच्चे होने तक मिलेगी सुविधा
विधेयक में यह भी प्रावधान किया है कि 26 सप्ताह का मैटरनिटी बेनिफिट लीव सिर्फ दो बच्चों तक ही दिया जाएगा। इसमें 6 हफ्ते प्रसव से पहले होगा। इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि अधिक बच्चे जन्म लेने पर सिर्फ 12 सप्ताह का ही अवकाश मिलेगा। जबकि इसमें भी मांग की गई है कि दो से अधिक बच्चों के लिए भी इस छुट्टी को बढ़ाया जाए।
7.छुट्टी के मामले में तीसरे नंबर पर है भारत
मैटरनिटी लीव लेने में भारत दुनिया में तीसरे नंबर है। बताया गया है कि पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका में 12 सप्ताह का मातृत्व अवकाश दिया जाता है। मेक्सिको में 15, स्पेन में 16, फ्रांस में 16, ब्रिटेन में 20, नॉव्रे में 44 और कनाडा में 50 सप्ताह की लीव दी जाती थी।
8. पिता को भी मिलें पितृत्व अवकाश
इस विधेयक के पास होने के दौरान यह भी मांग उठी कि मातृत्व अवकाश की सीमा 9 माह से एक साल करने, शादीशुदा महिलाओं को प्राइवेट सेक्टर में रोजगार में भेदभाव दूर करने,पुरुषों को भी पितृत्व अवकाश देने की सुविधा मिलना चाहिए, जिससे बच्चों की उचित देखभाल की जा सके।
9.इन पर भी होना चाहिए गौर
‘किराए की कोख’ की सुविधा लेने वाली माताओं को भी इस विधेयक के दायरे में लाने का सुझाव दिया गया। सभी ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं और उनके मुद्दों पर भी गौर करने की मांग की। विधेयक पर हुई चर्चा में करीब सभी दलों ने विधेयक में किया गया उल्लेखों का स्वागत किया।
10.तमिलनाडु में है 26 सप्ताह का अवकाश
तमिलनाडु में पहले से ही 26 सप्ताह का अवकाश प्रसूति महिलाओं के लिए है। अब वहां 39 सप्ताह किए जाने का प्रस्ताव है। बिल पास करते समय यह भी मांग की गई कि तमिलनाडु की योजना पूरे देश के लिए रोल माडल होनी चाहिए।
मैटरनिटी बेनिफिट विधेयक के लिए PM मोदी की तारीफ
Hindi News / Bhopal / यह है मैटरनिटी बेनिफिट बिल की 10 जरूरी बातें, CM ने की सराहना