दवाओं और टीकों की कीमत तीस फीसदी तक कम हो सकती है
केन्द्र सरकार ने हैदराबाद में राष्ट्रीय पशु संसाधन
सुविधा केन्द्र बनाने की मंजूरी देकर दवाओं और टीकों की आसमान छू रही
कीमतों को तीस फीसदी तक कम करने का रास्ता साफ कर दिया है।
केन्द्र सरकार ने हैदराबाद में राष्ट्रीय पशु संसाधन सुविधा केन्द्र बनाने की मंजूरी देकर दवाओं और टीकों की आसमान छू रही कीमतों को तीस फीसदी तक कम करने का रास्ता साफ कर दिया है।
केन्द्र में भारत सहित दुनिया भर की दवा निर्माण कम्पनियां नई दवाओं तथा टीकों का परीक्षण बेहद कम खर्च पर कर सकेंगी। केन्द्र 2018 – 19 में शुरू हो जाएगा।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के संयुक्त सचिव मनोज पंत ने बुधवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि अभी तक भारतीय दवा निर्माता नई दवाओं तथा टीकों का जानवरों पर प्रारम्भिक परीक्षण विदेश जाकर करते हैं।
इसके अलावा आयुर्विज्ञान संस्थान, मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालयों में किए जाने वाले अनुसंधान भी विदेशी सुविधाओं पर निर्भर थे।
60 फीसदी तक कम हो जाएगी अनुसंधान की लागत
पंत के अनुसार हैदराबाद की जीनोम वैली में 102.6 9 एकड़ में खोले जा रहे राष्ट्रीय पशु संसाधन सुविधा केन्द्र में अनुसंधान की लागत विदेश में अनुसंधान के मुकाबले 60 फीसदी तक कम होने की उम्मीद है।
अनुसंधान लागत में कमी का सीधा असर नई दवाओं की कीमत पर पड़ेगा और उनकी कीमत 30 फीसदी तक कम हो जाने की सम्भावना है।
338 .58 करोड़ की लागत आएगी
पंत ने बताया कि 338 .58 करोड़ की लागत से बनने वाला यह केन्द्र एक बार में 250 कम्पनियों की अनुुसंधान जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगा। शुरूआत में केन्द्र में करीब 22 वैज्ञानिक, 114 तकनीशियन तैनात किए जाएंगे।
Hindi News / 71 Years 71 Stories / दवाओं और टीकों की कीमत तीस फीसदी तक कम हो सकती है