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भोपाल

ONLINE BOOK करें, BJP सरकार आपके घर पहुंचा देगी ताजी मछली

सरकारी योजना में बने प्रत्येक तालाब में होगा मछली-पालन, मत्स्य-पालन मंत्री अंतर सिंह आर्य की अध्यक्षता में हुई मत्स्य महासंघ काम-काज समिति की बैठक…।

भोपालDec 10, 2016 / 03:03 pm

Manish Gite

online book fish

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भोपाल। मछली खाने के शौकीन NEW YEAR से घर बैठे ताजी मछली मंगवा सकेंगे। आनलाइन आर्डर पर तरह-तरह की मछलियां आपके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था मध्यप्रदेश की BJP सरकार ने की है। यह सबसे पहले भोपाल में शुरू होने जा रही है।

मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने आपके घरों तक आनलाइन आर्डर पर ताजी मछली पहुंचाने की व्यवस्था की है। इसके लिए सोलर सिस्टम से चलने वाली वैन चलाएगी, जिसमें फ्रिजर लगा होगा। इसमें ताजी मछली रखी जाएंगी। नए साल की जनवरी से यह योजना राजधानी में शुरू हो जाएगी, इसकी सफलता के बाद उसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसके लिए निजी क्षेत्र की सप्लाई एजेंसी से टाइअप किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक आनलाइन फिश खरीदी के कारण #cashless को भी बढ़ावा मिलेगा।

मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री अंतर सिंह आर्य की अध्यक्षता में हुई मत्स्य महासंघ की कामकाज समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई।

यह भी हुए निर्णय
1. MP में मत्स्य-बीज की संख्या बढ़ाते हुए दोगुना मछली उत्पादन करने, सभी शासकीय तालाबों में मछली-पालन करने, नीलक्रान्ति योजना में केज कल्चर विकसित करने का निर्णय लिया गया।
2. मत्स्य-बीज प्रक्षेत्र में पदस्थ कर्मचारियों के लिए आवास बनाने, खाली पदों को भरने आदि अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
3. बताया गया है कि प्रदेश में बढ़ते मछली-पालन ने किसानों की अतिरिक्त आय में इजाफा हुआ है। मत्स्य विभाग किसानों के पास उपलब्ध बंजर जमीन पर तालाब बनाकर मत्स्य-पालन में सहायता करेगा। प्रदेश के तालाबों में इस वर्ष दोगुना मत्स्य-बीज डाला जाएगा।
4. 80-90 किलोग्राम वाली पंगेशियस मछली का पालन होगा।


लुप्त हो रही MP की शान’महाशीर’
मध्यप्रदेश की राज्य मछली और टाइगर ऑफ रिवर कहलाती है महाशीर (टोर-टोर)। जो अब विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई है। कुछ समय तक यह मछली नर्मदा नदी में कुल मछलियों का 25 से 28 प्रतिशत तक पाई जाती थी, लेकिन अब इनकी संख्या 4 प्रतिशत से भी कम रह गई है। राज्य बायोडायवर्सिटी बोर्ड के एक अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है।

2011 में घोषित किया था राज्य मछली
मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2011 में महाशीर को राज्य मछली घोषित किया था। बायोडायवर्सिटी बोर्ड द्वारा कराई गई स्टडी के अनुसार लगभग 5 से 10 साल पहले तक नर्मदा नदी में यह मछली 28 प्रतिशत तक पाई जाती थी। लेकिन विभिन्न मानवीय गतिविधियां बढऩे और नदियों में जलाशयों के निर्माण के कारण इसकी संख्या 4 प्रतिशत से भी कम हो गई है।

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