भोपाल। 1994 में आतंकवादियों के खिलाफ छेड़े गए इंडियन आर्मी के एक बेहद गुप्त मिशन ‘ऑपरेशन रक्षक’ में शहीद हुए कैप्टन देवाशीष शर्मा की आत्मा आज बेहद खुश होगी। आज देवाशीष की मां की आंखों से खुशी के आंसू निकल रहे हैं। ये खुशी इतनी बड़ी है कि बेटे को खोने का गम मां की पलकों तले कहीं छिप गया है। दरअसल देवाशीष की मां निर्मला शर्मा को ये खुशी दी है इंडियन आर्मी ने। आइए हम बताते हैं क्या है पूरा मामला….
मैडल हो गया था चोरी, टूट गया था मां का मन
देवाशीष की मां निर्मला ने mp.patrika.com को बताया कि राष्ट्रपति ने बेटे की बहादुरी के लिए उसे कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था। ये बहादुरी मैडल उनके घर से अक्टूबर 2014 को चोरी हो गए थे। उन्होंने पुलिस में मामला दर्ज कराया, पर दो साल बीतने के बाद भी मैडल का कहीं पता नहीं चला। थक हारकर उन्होंने भारतीय सेना को अपनी आपबीती लिखकर भेजी। सेना ने मामले को गंभीरता से लिया और कीर्ति चक्र की प्रतिकृति उन्हें भेज दी।
बेटे की आखिरी निशानी
इंडियन आर्मी के ब्रिगेडियर आर विनायक निर्मला शर्मा के भोपाल में शाहपुरा स्थित घर पर पहुंचे। उन्होंने पूरे सम्मान के साथ कीर्ति चक्र की प्रतिकृति निर्मला को सौंपी। आपको बता दें कि इंडियन आर्मी ने निर्मला को ये खुशी बेटे की शहादत के दिन ही दी। देवाशीष का 10 दिसंबर 1994 को ही ऑपरेशन रक्षक के दौरान निधन हो गया था और 10 दिसंबर 2016 को सेना ने कीर्ति चक्र निर्मला को सौंपा।
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