भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सराफा कारोबारियों के बाद आयकर विभाग अब बैंक खातों पर नजर रखेगा। बड़े ट्रांजेक्शन होने या संदिग्ध खातों पर विभाग कार्रवाई करेगा। इसके लिए विभाग 31 दिसंबर का इंतजार कर रहा है। जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग को जानकारी मिली है कि नोटबंदी के बाद से लोग अपने पैसों को इधर-उधर ठिकाने लगा रहे हैं या दूसरों के खातों में पैसा डलवा रहे हैं। ऐसे बड़े ट्रांजेक्शन पर विभाग बैंक को समन देकर जानकारी मांग सकता है। यह भी देखा जाएगा कि जो पैसे जमा हुए है, यह उसकी बचत है या किसी और से पैसे लेकर डाले गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि विभाग उन्हीं ग्राहकों के खातों को राडार पर लेगा जिसमें बड़े ट्रांजेक्शन हुए हैं। इसके लिए खाते की पुरानी रकम की जानकारी भी ली जाएगी। उदाहरण स्वरुप यदि किसी मकान मालकिन ने अपनी नौकरानी के खाते में 2.50 लाख रुपए जमा कर दिए और नौकरानी के एकाउंट में नोटबंदी के पहले कम राशि रही तो वह शक के दायरे में आ जाएगी। नियमानुसार 2.50 लाख से 5 लाख रुपए तक 10 प्रतिशत टैक्स बनता है। 5 से 10 लाख रुपए होने पर 20 प्रतिशत एवं 10 लाख से ऊफर होने पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है। इस मामले में प्रधान आयकर निदेशक (इनवेस्टीगेशन) आरके पालीवाल बताते हैं कि विभाग बैंकों में होने वाले बड़े ट्रांजेक्शन पर नजर रखेगा। 31 दिसंबर के बाद संदिग्ध खातों पर कार्रवाई होगी।
महकमे भी ऑनलाइन
– नोटबंदी का असर अब सरकारी विभागों में भी ऑनलाइन ट्रांसजेक्शन के तौर पर सामने आने लगा रहा है।
– नकद लेन देन की बजाय ऑनलाइन बैंकिंग से राशि लेने की कवायद कर रहे हैं।
– रोजाना होने वाला देन लेन नकद या चेक से लेने की बजाय ठेकेदारों को खाता नंबर दिया जा रहा है।
– आरटीजीएस यानी ऑनलाइन बैंकिंग से खाते से खाते में पैसा जमा कराने के निर्देश दिए हैं।
– इसमें भोपाल दुग्ध संघ आगे रहा और उसने अपने सभी वितरकों को बकायदा पत्र जारी कर अलग-अलग वितरकों को बैंक खाते नंबर जारी किए।
– इनमें इन्हें ऑनलाइन ही पैसा ट्रांसफर करना होगा। इससे पहले ये चेक से संघ को भुगतान करते थे।
– 21 नवंबर से ही यह शुरू कर दिया गया। सहायक महाप्रबंधक मार्केटिंग मनोज सिंह ने इसके आदेश जारी किए।
– इसके साथ ही खाद्य एवं आपूर्ति विभाग भी सरकारी राशनिंग दुकानों तक परिवहन करने वालों से ऑनलाइन आरटीजीएस के माध्यम से राशि जमा कराने जा रहा है।
पांच दिन में जमा हो गए 211 करोड़
नोटबंदी के बाद पांच दिन में मध्यप्रदेश के सहकारी बैंकों में 211 करोड़ रुपए जमा हो गए। अब आयकर विभाग ने सहकारी बैंक से जमाकताओज़्ं व खातेदारों की पूरी जानकारी मांग ली है। बैंक के पास आए आयकर विभाग के पत्र और राज्य शासन में पहुंची जानकारी के बाद से हलचल है। हालांकि सहकारी बैंक की ओर से एक-एक जमाकताज़् की पूरी डिटेल तैयार कर ली गई है। बैंक का दावा है कि डिपॉजिट में किसी भी तरह से संशय की स्थिति नहीं है।
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