भोपाल। ऑनलाइन पासपोर्ट आवेदन कर रहे हैं, तो अब सतर्क होकर हर जानकारी में सत्यता रखें। खासतौर पर यदि आप पर कोई कोर्ट केस है और वह लंबित चल रहा है, तब ये जानकारी छिपाना आपको सजा का पात्र बना देगा। जानिए क्या और कैसे रखें ध्यान ताकि पासपोर्ट प्रक्रिया आसानी से आगे बढ़े, रद्द न हो। आपको बता दें कि पासपोर्ट बनवाने की ऑनलाइन प्रक्रिया होने के बावजूद पासपोर्ट सेवा केंद्र में हर रोज स्टाफ के साथ आवेदकों का विवाद आम है। इनमें ज्यादातर वे आवेदक होते हैं, जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन करते समय कुछ जानकारियां गलत दी हैं या फिर छिपाई हैं। इनमें सबसे ज्यादा वे आवेदक हैं, जिनके खिलाफ कोर्ट में केस लंबित हैं।
दिशा-निर्देश जारी
ऐसे मामलों को निपटाने के लिए पासपोर्ट सेवा केंद्र और कार्यालय के अधिकारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि कोर्ट में लंबित प्रकरणों वाले पासपोर्ट की कार्रवाई आगे बढ़ सके।
पुलिस वेरिफिकेशन में खुलती है पोल
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी मनोज कुमार के मुताबिक कोर्ट में लंबित प्रकरण वाले आवेदक यदि थोड़ी सी सावधानी बरतें तो उनके पासपोर्ट की फाइल प्रोसेस में नहीं रुकेगी। उन्होंने बताया कि आवेदक किसी भी प्रकार की जानकारी न छिपाएं क्योंकि पुलिस वेरिफिकेशन में असलियत सामने आ जाती है। हालांकि इनमें ज्यादातर प्रकरण थाना स्तर तक निपट जाते हैं।
एनओसी जरूरी
ऐसे में आवेदक को वहां से मिले दस्तावेज या फिर कोर्ट में लंबित प्रकरणों में वहां की अनुमति, केस खत्म होने का आदेश या कोर्ट से एनओसी जरूरी होती है।
जानकारी छिपाने पर 5 हजार पेनाल्टी
* ऑनलाइन आवेदन करते समय आवेदक सही जानकारी भरें।
* कोर्ट केस लंबित होने पर आवेदकों ने अगर कोर्ट से एनओसी नहीं ली है, तो पासपोर्ट के लिए मिले अपॉइंटमेंट को रिशेड्यूल करें। एनओसी लेने के बाद ही अपॉइंटमेंट लें।
* कोर्ट में लंबित केस की जानकारी किसी भी स्थिति में न छिपाएं, नहीं तो 5000 की पेनाल्टी देने के लिए तैयार रहें।
* यदि कोर्ट में केस का फैसला हो गया है तो उसकी कॉपी दस्तावेज के रूप में तो लगाएं ही, साथ ही इसकी एक कॉपी थाने में भी जमा कराएं, ताकि पुलिस वेरिफिकेशन के दौरान कोई परेशानी न हो।
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