भोपाल। बारिश का सीजन शुरू हो चुका है, ऐसे में जगह—जगह पानी का जमाव शुरू हो जाता है। जिसके कारण मच्छर पनपने लगते हैं,वहीं टायरों,कुलरों आदि में पानी का जमाव भी मच्छरों को पैदा करने में सहायाक होता है। इन्हीं के चलते डेंगू भी फैलता है,ऐसे में यदि डेंगू से बचना है तो हमें कुछ सावधानियां रखनी जरूरी है। जो बारिश के मौसम में ज्यादा ही फैलता है।
दरअसल डेंगू एक गंभीर बीमारी है जो संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलती है। यह ‘ब्रेक बोन फ़ीवर’ के नाम से भी जानी जाती है और काफ़ी दर्दनाक और दुर्बल करने वाली बीमारी है। इसके लक्षण मच्छर के काटने के 4 से 10 दिनों बाद दिखते हैं।
क्या है डेंगू
डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होने वाला एक तीव्र वायरल इन्फेक्शन है। इससे शरीर की सामान्य क्लॉटिंग (थक्का जमना) की प्रक्रिया अव्यवस्थित हो जाती है। डेंगू होने पर प्लेटलेट् की संख्या कम हो जाती है। साथ ही ऐसा होने पर शरीर से ब्लीडिंग भी होती है।
कैसे फैलता है डेंगू
मलेरिया की तरह डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से फैलता है। इन मच्छरों को ‘एडीज मच्छर’ कहते हैं जो दिन में भी काटते हैं। डेंगू बुखार से पीड़ित रोगी के रक्त में डेंगू वायरस काफी मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी रोगी को काटने के बाद किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह डेंगू वायरस को उस व्यक्ति के शरीर में पहुंचा देता है।
डेंगू ज्वर के लक्षण…
तेज बुखार, डेंगू का प्रमुख लक्षण है।
शरीर में बहुत तेज दर्द होता है, विशेषकर जोड़ों और अस्थियों में।
सिर में बहुत तेज दर्द होता है।
हाथ-पैर में चकत्ते होना, खासकर दबे हुए हिस्से में।
मतली और उल्टी होना भी इसके लक्षण हैं।
डेंगू बुखार मच्छरों द्वारा फैलाई जाने वाली बीमारी है। एडीज मच्छर (प्रजाति) के काटने से डेंगू वायरस फैलता है। बुखार के दौरान प्लेटलेट्स कम होना इसका मुख्य लक्षण हैं। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता बल्कि मच्छरों द्वारा फैलाया जाता है। बुखार के साथ सबसे सामान्य लक्षण है सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और त्वचा का खराब हो जाना। कभी-कभी, यह लक्षण फ्लू के साथ मिलकर कंफ्यूज भी कर देते हैं। पिछले कुछ सालों में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
कोई स्पेशल दवाई नहीं..
डेंगू इंफेक्शन का पता ब्लड टेस्ट के द्वारा लगाया जाता है। इससे बचने के लिए कोई स्पेशल दवाई नहीं है, लेकिन ऐसा होने पर सही से आराम करने और बहुत सारे पेय पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है। डेंगू की चपेट में आने के बाद कई क्षेत्रों के लोग इससे बचने के लिए कुछ प्राकृतिक नुस्खे अपना रहे हैं।
डॉ. राजकुमार के अनुसार भी कई प्राकृतिक औषधियां हैं जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम करतीं हैं, जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ जाती है। यह औषधियां डेंगू से भी बचाव में हमारी सहायता करतीं हैं…
गिलोयः गिलोय का आयुर्वेद में बहुत महत्व है, यह मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने और बॉडी को इंफेक्शन से बचाने में मदद करती है। डॉ. राजकुमार के अनुसार इनके तनों को उबालकर हर्बल ड्रिंक की तरह सर्व किया जा सकता है। इसमें तुलसी के पत्ते भी डाले जा सकते हैं।
मेथी के पत्तेः यह पत्तियां बुखार कम करने के लिए सहायक होने के साथ ही यह पीड़ित का दर्द दूर कर उसे आसानी से नींद लाने में मदद करती हैं। इसकी पत्तियों को पानी में भिगोकर उसके पानी को पीया जा सकता है। इसके अलावा, मेथी पाउडर को भी पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
पीपते के पत्तेः जानकारों के अनुसार यह प्लेटलेट्स की गिनती बढ़ाने में हेल्प करता है। साथ ही,बॉडी में दर्द,कमजोरी महसूस होना,उबकाई आना, थकान महसूस होना आदि जैसे बुखार के लक्षण को कम करने में सहायक है। इनकी पत्तियों को कूट कर भी खाया जा सकता है या फिर इन्हें ड्रिंक की तरह भी पिया जा सकता है, जो कि बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करते हैं।
गोल्डनसीलः यह नार्थ अमेरिका में पाई जाने वाली एक हर्ब है, जिसे दवाई बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस हर्ब में डेंगू बुखार को बहुत तेजी से खत्म कर शरीर में से डेंगू के वायरस को खत्म करने की क्षमता होती है। यह पपीते की पत्तियों की तरह ही काम करती हैं और उन्हीं की तरह इन्हें भी यूज किया जाता है। इन्हें कूट के सीधे चबाकर या फिर जूस पीकर लाभ उठाया जा सकता है.
हल्दीः यह मेटाबालिज्म बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। यही नहीं, घाव को जल्दी ठीक करने में भी मददगार साबित होती है। हल्दी को दूध में मिलाकर पीया जा सकता है।
तुलसी के पत्ते और काली मिर्चः डॉ. राजकुमार के अनुसार तुलसी के पत्तों और दो ग्राम काली मिर्च को पानी में उबालकर पीना सेहत के लिए अच्छा रहता है। यह ड्रिंक आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत तो बनाती ही है साथ ही एंटी-बैक्टीरियल तत्व के रूप में कार्य करती है।
यह हैं गंभीर रूप…
रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम इस बीमारी के और गंभीर रूप हैं। इस बीमारी का कोई स्पष्ट उपचार नहीं है और न ही इससे बचने के लिए कोई टीका है। इसलिए इससे बचाव ही इसका सबसे बेहतरीन इलाज है।
इनका करें पालन:
1. एडीज एजिप्टी मच्छर ज़्यादातर दिन में काटते हैं और खाली पड़े डिब्बों और गंदी जगहों में पैदा होते हैं। इसे रोकने के लिए अपने आस-पास कहीं भी पानी का जमाव न होने दें, उदहारण के लिए फ़ूलदान में पानी पड़ा न रहने दें और गमलों में ज़रुरत से ज्यादा पानी न भरें। भरे हुए पानी के बर्तनों को ढक कर रखें।
2. खाली बाल्टी और बर्तनों को हर समय उल्टा करके रखें।
3. दिन और रात के समय नियमित रूप से मच्छर-नाशकों का प्रयोग करें।
4. सुनिश्चित करें कि घर के दरवाजे और खिड़कियों की जालियां फटी हुई न हों।
5. यदि घर में कोई डेंगू से पीड़ित है, तो सुनिश्चित करें कि उन्हें या घर के किसी अन्य सदस्य को मच्छर न काटे।
6. हमेशा मच्छरदानी लगाकर सोएं।
7. अगर आप कूलर का उपयोग करते हैं तो नियमित रूप से पानी की ट्रे को साफ़ करें।
8. कचरे के डिब्बे को हमेशा ढककर रखें।
9. मच्छरों को दूर रखने का एक प्राकृतिक उपाय है अपने घर की खिड़किओं के पास तुलसी के पौधे लगाएं। यह मच्छरों को पनपने से रोकते हैं।
10. मच्छर भगाने का एक और अदभुत तरीका है कपूर का प्रयोग। अपने कमरे की खिड़कियां और दरवाज़ों को बंद करके कपूर जलाएं। 15—20 मिनट तक कमरे को बंद रहने दें।